एक अध्यात्मिक प्रेरक के रूप में हुआ स्वामी सत्यानंद का अवतरण: स्वामी निरंजनानंद
स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी सत्यानंद का अवतरण एक अध्यात्मिक प्रेरक के रूप में हुआ.
मुंगेर. स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी सत्यानंद का अवतरण एक अध्यात्मिक प्रेरक के रूप में हुआ. अगर उनके जीवन व व्यक्तित्व को एक शब्द में संवारा जाए तो वह भक्त होगा. वे उच्च कोटी के भक्त थे. जिनका भाव केवल मैं या तुम में ही सीमित नहीं रहा, बल्कि द्वारे-द्वारे व तीरे-तीरे पहुंचा. ये बातें पादुका दर्शन संन्यास पीठ में चल रहे सत्यम पूर्णिमा कार्यक्रम के तीसरे दिन शुक्रवार को कही. उन्होंने कहा कि स्वामी शिवानंद की शिक्षाओं के रूप में दूसरा शब्द जो उनके जीवन चरित्र को भलि-भांति दर्शाता है वह है शिष्य. वे गुरुमुखी शिष्य थे. जिन्होंने भेद को समाप्त कर अपने गुरु से एकाकार कया था. समर्पण के भाव से परिपूर्ण उनका संपूर्ण जीवन गुरुमय था. अपनी सभी इच्छाओं व कामनाओं को परे रख उन्होंने स्वामी शिवानंद के उपदेश को ही अपना लक्ष्य बना लिया था. स्वामी शिवानंद ने यह कहा था कि उनका यह शिष्य सत्यम ही शिव के प्रकाश को फैलायेगा. कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. रूद्री पाठ से संपूर्ण परिसर गुंजायमान हो रहा था.
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