जमालपुर में स्थापित आनंद मार्ग का स्वस्तिक झंडा अब 180 देश में लहरा रहा

आनंद मार्ग के स्थापना दिवस पर स्वास्थ्य जांच शिविर व नारायण भोज का आयोजन

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2025 12:13 AM

जमालपुर. आनंद मार्ग प्रचारक संघ का 71वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को अमझर आनंद संभूति मास्टर यूनिट में मनाया गया. इसका उद्घाटन आनंद मार्ग प्रचारक संघ के केंद्रीय जनसंपर्क सचिव आचार्य कल्याण मित्रानंद अवधूत ने किया.

उन्होंने कहा कि जमालपुर में 9 जनवरी 1955 को स्थापित आनंद मार्ग का स्वास्तिक झंडा अब दुनिया के 180 देश में अपना परचम लहरा रहा है. श्रीआनंदमूर्ति का जन्म 1921 में बैसाखी पूर्णिमा के दिन बिहार के जमालपुर में एक साधारण परिवार में हुआ था. परिवार का दायित्व निभाते हुए वे सामाजिक समस्याओं के कारण का विश्लेषण, उनके निदान ढूंढ़ने तथा लोगों को योग साधना आदि की शिक्षा देने में अपना समय देने लगे. 9 जनवरी 1955 को जमालपुर में उन्होंने जिस संगठन की नींव रखी थी. आज वह आनंद मार्ग 180 से भी ज्यादा देशों में अपना सेवा मूलक कार्य एवं आध्यात्मिक साधना के बल पर मान्यता प्राप्त कर चुका है. संयुक्त राष्ट्र संघ से भी आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम को मान्यता मिल चुकी है. उन्होंने ऐसे समाज की स्थापना का संकल्प लिया, जिसमें हर व्यक्ति को अपना सर्वांगीण विकास करते हुए अपने मानवीय मूल्य को ऊपर उठने का सुयोग प्राप्त हो. हर एक मनुष्य देव शिशु है इस तत्व को मन में रखकर समाज की हर कर्म पद्धति पर विचार करना उचित होगा. अपराध संहिता या दंड संहिता के विषय में उन्होंने कहा कि मनुष्य को दंड नहीं, बल्कि उनका संशोधन करना होगा. उनके विचार के अनुसार हर व्यक्ति का लक्ष्य एक ही है. सभी एक ही लक्ष्य पर पहुंचाना चाहते हैं. अपनी सूझबूझ एवं समझदारी एवं परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग रास्ता अपनाते हैं. कोई धनोपाजर्न कोई सेवा का पाठ अपनाते हैं, लेकिन हर प्रयास के पीछे मौलिक प्रेरणा एक ही रहती है. जब व्यक्ति का लक्ष्य एक है तो उनके बीच एकता लाना संभव है.

एक हजार जरूरतमंदों के बीच बांटा कंबल

गुरुवार को कार्यक्रम के दौरान 24 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन का आयोजन हुआ. नारायण भोज में लगभग 5000 लोग शामिल हुए. जबकि 1000 जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया गया. वहीं स्वास्थ्य जांच शिविर में साथ चिकित्सकों ने लगभग 1000 से भी अधिक लोगों की चिकित्सकीय जांच की और उन्हें दवा उपलब्ध करायी. मौके पर आचार्य सूर्यनिरयाशानंद अवधूत, आचार्य अवनिंद्रानंद अवधूत, आचार्य रुद्रप्रकाशनंद अवधूत, आचार्य सतवीरानंद अवधूत, आचार्य रतनमुक्तानंद अवधूत, आचार्य पुष्पेंद्रनंद अवधूत, अवधुतीका आनंदस्नेहमाया आचार्या, आचार्य रामकृपानंद अवधूत आदि मौजूद थे.

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