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मुंगेर के 22 गंगा बालू घाटों की फिर निकली बंदोबस्ती निविदा, 19 अगस्त को लगेंगी बोली

खनन विभाग मुंगेर ने जिले के 22 गंगा बालू घाटों (सफेद बालू) की बंदोबस्ती के निविदा प्रकाशित की है. 5 से 13 अगस्त तक बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए ऑन लाइन आवेदन की तिथि मुकर्रर की गयी है.

मुंगेर. खनन विभाग मुंगेर ने जिले के 22 गंगा बालू घाटों (सफेद बालू) की बंदोबस्ती के निविदा प्रकाशित की है. 5 से 13 अगस्त तक बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए ऑन लाइन आवेदन की तिथि मुकर्रर की गयी है. जबकि नीलामी के लिए 19 अगस्त को बोली लगायी जायेगी. इसमें वहीं संवेदक भाग लेंगे जो तकनीकी निविदा की जांच व मूल्यांकन में सफल निविदादाता होंगे.

22 बालू घाटों की होगी नीलामी

जिले में कुल 22 गंगा बालू घाट की बंदोबस्ती होनी है. इन बालू घाट का क्षेत्रफल 412.8 हेक्टेयर है. गंगा घाटों के क्षेत्रफल में बांटकर बंदोबस्ती की जायेगी. जिन बालू घाटों की बंदोबस्ती होगी उसमें काली स्थान फुलकिया बालू घाट एवं काली स्थान बरियारपुर गंगा बालू घाट को 6-6 भाग, पहाड़पुर गंगा बालू घाट को 5 भाग एवं महुला बालू घाट को 4 भाग में बांट कर बंदोबस्ती की जायेगी. जबकि टीकरामपुर में एक बालू घाट की बंदोबस्ती होनी है. बालू घाटों की जो बंदोबस्ती की जा रही है. नीलामी में भाग लेने वाले संवेदक जिस बालू घाट के लिए अधिक बोली लगायेंगे उनको ही बालू घाटों की बंदोबस्ती आगामी 5 वर्षों के लिए दी जायेगी. नीलामी के 5 दिनों के अंदर उच्चतम डाकवक्ता को नीलामी का 25 प्रतिशत राशि जमा करना होगा.

खनन विभाग मुंगेर को नहीं मिल रहे संवेदक

बताया गया कि पिछले वर्ष 2023 में गंगा किनारे आठ बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए तीन बार निविदा का प्रकाशन कराया गया था, लेकिन अधिक क्षेत्रफल का घाट रहने के चलते नीलामी में किसी भी संवेदक ने हिस्सा नहीं लिया था. जिसके चलते गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हो सकी थी. इस वर्ष 2024 में निविदा निकाली गयी थी. लेकिन उसमें भी संवेदक ने भाग नहीं लिया था. एक बार पुन: बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए निविदा निकाली गयी है. अब देखना है कि खनन विभाग को इस बार भी संवेदक मिलता है या नहीं. अगर संवेदक निविदा में भाग नहीं लेते है तो एक बार पुन: निविदा को स्वत: रद्द हो जायेगी.

बालू माफियाओं के कारण नहीं मिल रहे संवेदक

जिन 22 बालू घाटों की बंदोबस्ती होनी है उसमें मुंगेर शहर के लालदरजा से लेकर हेरूदियारा तक के गंगा घाट शामिल नहीं है. मुंगेर में बालू माफिया काफी सक्रिय है जो बिना टेंडर के ही मुंगेर शहर व आस-पास के गंगा बालू घाटों पर अवैध उत्खनन कर उसकी बिक्री धड़ल्ले से करते हैं. जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान भी होता रहा है. इतना ही नहीं बालू माफियाओं की धाक इतनी है कि न तो खुद बालू घाट की बंदोबस्ती लेना चाहते हैं और न ही दूसरे संवेदक को बालू घाट की निविदा में भाग लेने दे रहे हैं. संवेदक को डर है कि वह अगर गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती ले भी लेता है तो उसके घाटों पर बालू माफियाओं का वर्चस्व रहेगा. जिसके कारण संवेदक इसमें भाग ही नहीं ले रहे.

कहते हैं अधिकारी

जिला खनन पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि जिले के 22 गंगा बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए 5 से 13 अगस्त तक दस्तावेज अपलोड व ऑन लाइन आवेदन की तिथि तय है. 17 अगस्त को दस्तावेजों की तकनीकी जांच व मूल्यांकन होगा और 19 अगस्त को ई-नीलामी होगी. उच्चतम डाकवक्ता को 5 वर्षों के लिए घाट की बंदोबस्ती दी जायेगी. उन्होंने बताया कि सफेद बालू होने के कारण इसकी बंदोबस्ती में लोग भाग नहीं ले रहे है. लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है. संभावना है कि इस बार लोग मिल जायेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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