जिले में बढ़ रहा आवारा कुत्तों का आतंक, 12 माह में डॉग बाइट के आये 7,863 मामले
वैसे तो मुंगेर में आवारा कुत्तों और पशुओं को आम लोगों से दूर रखने की जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर होनी है.
अस्पताल के वार्डों में भी आवारा कुत्तों का डेरा, दहशत में मरीज
मुंगेर. वैसे तो मुंगेर में आवारा कुत्तों और पशुओं को आम लोगों से दूर रखने की जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर होनी है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण मुंगेर शहर में डॉग बाइट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जिसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी माह से दिसंबर माह के 10 दिनों में ही डॉग बाइक के 7,863 मामले सदर अस्पताल में आ चुके हैं. हद तो यह है कि खुद सदर अस्पताल के वार्ड भी इन आवारा कुत्तों का डेरा बन गया है. जिसके कारण खुद मरीज डर में इलाज करा रहे हैं.एक ओर जहां बदहाल सदर अस्पताल के जर्जर और सीलन भरे वार्डों में इलाज कराना मरीजों के लिये परेशानी भरा है. जबकि इससे अलग सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में पूरे दिन आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है. जिसके कारण वार्डों में भर्ती मरीज खुद डर में रहते हैं. जबकि इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है. हाल यह है कि अस्पताल परिसर सहित वार्डों में मरीजों के बेड के नीचे कुत्ते आये दिन आराम फरमाते नजर आ जाते हैं. यह हाल तब है, जब मुंगेर सदर अस्पताल में एक चिकित्सक दो साल पहले खुद आवारा कुत्ते का शिकार हो चुके हैं. इतना ही नहीं अस्पताल में कई बार खुद मरीज भी इन आवारा कुत्तों का शिकार हो चुके हैं.
12 माह में आ चुके हैं डॉग बाइट के 7,863 मामले
मुंगेर में किस कदर आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. इसका अंदाजा केवल इसी से लगाया जा सकता है कि अबतक के 12 माह में सदर अस्पताल में डॉग बाइट के 7,863 मामले आ चुके हैं. जिसमें अबतक मार्च में सर्वाधिक 918 डॉग बाइट के मामले सदर अस्पताल में पहुंचे हैं. जबकि प्रत्येक माह 600 से 700 के आसपास अस्पताल में डॉग बाइट के मामले आ रहे हैं.
अस्पताल में कुत्तों को हटाने का निर्देश सुरक्षा कर्मियों को दिया गया है. इसके लिये सख्त निर्देश भी दिये गये हैं. वहीं अस्पताल में डॉग बाइट के वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.डॉ रमन कुमार, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल
शहर की सड़कों पर आवारा कुत्तों का लगा रहता है जमावड़ा
मुंगेर. शहर में आवारा पशुओं के साथ आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है. शहर के एक नंबर ट्रैफिक से लेकर गांधी चौक तथा गोला रोड जैसे व्यस्तम सड़कों पर भी पूरे दिन सड़कों पर आवारा पशुओं और कुत्तों का जमावाड़ा लगा रहता है. जिसके कारण न केवल राहगीरों और वाहन चालकों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि कई बार इन आवारा पशुओं और कुत्तों के हमले से आमजन घायल भी होते हैं. जबकि इसे लेकर प्रशासनिक उदासीनता लोगों की परेशानी को बढ़ा रहा है.अबतक आये डॉग बाइट के मामले
माह डॉग बाइट के मामले
जनवरी 830
फरवरी 571
मार्च 918
अप्रैल 754
मई 877
जून 724
जुलाई 605
अगस्त 620
सितंबर 566
अक्तूबर 673
नवंबर 725
दिसंबर (10 दिन) 41B
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