मुंगेर. कला संस्कृति एवं युवा विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से शनिवार को कला जागरण, पटना द्वारा रामधारी सिंह दिनकर की अविस्मरणीय कृति उर्वशी का मंचन नगर भवन में किया गया. नाटक उर्वशी का पृष्ठभूमि-संगीत, सम्पादन, समन्वय एवं सह निर्देशन डा किशोर सिन्हा ने किया. इसे परिकल्पित एवं निर्देशित बिहार के वरिष्ठ नाट्य निर्देशक सुमन कुमार ने किया. बताया गया कि उर्वशी ऋग्वेद में वैदिक संस्कृति की पहली कथा उर्वशी और राजा पुरूरवा की कथा है. उर्वशी स्वर्ग-लोक की मुख्य अप्सरा थी. वह देवों के राजा इंद्र की सभा में नृत्य करती थी.|एक बार उर्वशी अपनी अन्य सखियों के साथ भूलोक पर भ्रमण के लिए गयी, जहां एक असुर की उन पर दृष्टि पड़ी और उसने उनके अपहरण का प्रयास किया. उर्वशी की चीत्कार को सुन राज पुरूरवा ने असुर पर आक्रमण कर उन्हें मुक्त करा लिया. उर्वशी और पुरुरवा से एक पुत्र का जन्म होता है, जिसका पालन महर्षि च्यवन की पत्नी सुकन्या द्वारा किया जाता है. आयु के 16 वर्ष के होने पर सुकन्या उसे पुरुरवा के राजसभा में ले जाती है. अंत में आयु को अपना राजपाट सौंप पुरुरवा वन चले जाते हैं. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना उर्वशी का नाट्य मंचन दर्शकों को प्रभावित करने में पूरी तरह सफल होता है. कलाकार कुमार सौरभ, श्रीपर्णा चक्रवर्ती, अभिषेक कुमार, श्वेता सुरभी, सौरभ सिंह, अंकिता चौघरी, कशिश राज, तान्या शर्मा, अन्नया सिंह, चंद्रावती कुमारी, चंदन राय, मिथिलेश सिंहा, हरिकृष्ण सिंह मुन्ना ने उर्वशी के पात्रों का सजीव चित्रण कर दर्शकों का मन मोह लिया. संगीत रचना सामंता दास संगीत संयोजन एवं निर्देशन सरोज दास मुख्य गायन स्वर नंदिता, ट्रैक संचालन अजित गुज्जर, मंच परिकल्पन आदर्श वैभव, मंच निर्माण सुनील,पवन,धनराज, रूप सज्जा यामिनी एवं मनोज मयंक ने किया.
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