शहर की डगर पर अतिक्रमण का कहर : जहां मिली जगह, वहीं बना दी दुकान

फूटपाथ से लेकर चौक-चौराहा और सड़क तक का अतिक्रमण कर लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 16, 2024 6:49 PM

– नगर निगम, जिला प्रशासन और थाना की उदासीनता से अतिक्रमण के मकड़जाल में फंसा मुंगेर शहर

– मुफस्सिल थाना के समीप मुंगेर-सीताकुंड मार्ग में फैलता जा रहा अतिक्रमण का मकड़जाल

मुंगेर .मुंगेेर शहर के लिए अतिक्रमण नासूर बन चुका है. फूटपाथ से लेकर चौक-चौराहा और सड़क तक का अतिक्रमण कर लिया है. जिसको जहां मिली जगह, वहीं पर दुकान बना डाला. अतिक्रमण के मकड़जाल में कराह रहे मुंगेर शहर की स्थिति यह है कि रात में 24 से 26 फीट की दिखने वाली सड़क दिन में 10 की हो जाती है. जिसके कारण शहर में ट्रैफिक व्यवस्था कंट्रोल में नहीं रहती है और राहगीरों व यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि निगम व जिला प्रशासन संयुक्त रूप से समय-समय पर अतिक्रमण के खिलाफ ड्राइव चलाता है. लेकिन शहर के अतिक्रमण से निबटने में वह आज भी पूरी तरह से फेल है.

फूटपाथ, चौक-चौराहा और सड़कों पर है अतिक्रमणकारियों का कब्जा

शहर की डगर वर्षों से अतिक्रमण का कहर झेल रहा है. फूटपाथ, चौक-चौराहा और सड़कों तक को अतिक्रमाकारियों ने कब्जे में ले रखा है. एक नंबर ट्रैफिक से गांधी चौक, अस्पताल मार्ग, कोतवाली मोड़ से नीलम सिनेमा चौक, शीतला स्थान चौक, कौड़ा मैदान, गुलजार पोखर, शादीपुर, बेकापुर, बेकापुर किराना पट्टी सहित अन्य मार्गों को फुटपाथी दुकानदार, सब्जी व फल बिक्रेताओं ने कब्जा में ले लिया है. जबकि एक नंबर ट्रैफिक चौक, राजीव गांधी चौक पर फल विक्रेताओं ने अपना ठेला लगा कर चौक को कब्जा में ले लिया हैँ. आजाद चौक के आस-पास फल व सब्जी विक्रेताओं का पूरी तरह से कब्जा है. हालात यह है कि फूटपाथ ही नहीं, सड़क के किनारे वाले हिस्सों को भी अपने कब्जे में कर दिया है. जबकि सड़कों पर ठेला वाले सब्जी व फल विक्रेताओं ने कब्जा कर रखा है. शहर का डगर व फूटपाथ दोनों पर अस्थाई दुकानदों ने कब्जा कर रखा है. फूटपाथ व सड़क किनारे जिस तरह से फल व सब्जी का दुकान लगा कर दुकानदार बेचते है. उससे लगता है कि शहर की सड़क व फूटपाथ वेडिंग जोन हो.

स्थाई दुकानदारों की भी चलती है मनमानी

शहर में स्थाई दुकानदार भी फूटपाथ, नाला व सड़क को अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे है. पंडित दीनदयाल चौक के समीप कई ऐसे गारमेंट की दुकान है, जिसने अपनी दुकान को सड़क तक निकाल रखा है. इतना ही नहीं बारिश व धूप से बचने के लिए अस्थाई शेड तक दे दिया है. बाजार के अधिकांश स्थायी दुकानदारों ने भी अतिक्रमण को बढ़ावा देने का काम किया है. उनकी माने तो हमलोग अपनी दुकान आगे नहीं बढ़ायें तो फल व सब्जी एवं ठेला वाले हमारे दुकान के आगे खड़ा होकर दुकान लगा देंगे. खैर जो भी बाजार के अधिकांश हिस्सों में स्थायी दुकानदारों की मनमानी व्याप्त है.

जिम्मेदारों का है मौन समर्थन, जो दे रही अतिक्रमण को बढ़ावा

अतिक्रमण के लिए सीधे तौर पर नगर निगम, जिला प्रशासन और संबंधित थाना जिम्मेदार है. जिसका मौन समर्थन अतिक्रमणकारियों के साथ है. यह बात सही है कि नगर निगम प्रशासन साल में 5 से 10 बार अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाती है. लेकिन आज तक शहर से अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सका है. अतिक्रमण अभियान खत्म होने के बाद उस पर अमल नहीं होता है और जिद्दी फूटपाथी दुकानदार फिस से अतिक्रमण कर लेते है.

फैलता जा रहा अतिक्रमण का मकड़जाल

अतिक्रमण का मकड़जाल फैलता जा रहा है. शहर से निकल कर अतिक्रमण मुंगेर-सीताकुंड मुख्य मार्ग में पहुंच चुकी है. कल तक जिस स्थान पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं था, आज वहां पर दर्जनों अस्थाई दुकान बन चुका है. मुंगेर-सीताकुंड मुख्य मार्ग मुफस्सिल थाना से महज 100 मीटर की दूरी से यह अतिक्रमण प्रारंभ हो गया. जहां पर दो दर्जन से अधिक दुकानें सड़क किनारे बना दी गयी है. जो सड़क से सटी हुई है. आने वाले दिनों में निगम प्रशासन ने इसओर घ्यान नहीं दिया तो यहां स्थायी दुकानों का निर्माण कर लिया जायेगा. जिसे हटाना आने वाले दिनों में मुश्किल भरा होगा.

कहते हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त निखिल धनराज ने बताया कि समय-समय शहर में ड्राइव चलाया जाता है. दोषियों से जुर्माना वसूलने के साथ ही सामानों को भी जब्त किया जाता है. निगम प्रशासन वेंडिंग जोन का निर्माण कर इन दुकानदारों को शिफ्ट करने पर विचार कर रही है. आने वाले महीनों में पुन: शहर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जायेगा.

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