मिठाई के कारोबारियों को करोड़ों का झटका, कारीगर हुए दाने-दाने को मोहताज
मुंगेर : लॉकडाउन के कारण मुंगेर बाजार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है. जिसके कारण व्यावसायिक वर्ग में घोर निराशा के साथ ही हताशा का माहौल व्याप्त हो गया है. इसी में शामिल है मिठाई कारोबार. जो लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से ठप है. एक ओर जहां मुंगेर के लोग मिठाई की मिठास […]
मुंगेर : लॉकडाउन के कारण मुंगेर बाजार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है. जिसके कारण व्यावसायिक वर्ग में घोर निराशा के साथ ही हताशा का माहौल व्याप्त हो गया है. इसी में शामिल है मिठाई कारोबार. जो लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से ठप है. एक ओर जहां मुंगेर के लोग मिठाई की मिठास से महरूम हो गये हैं, वहीं दूसरी ओर मिठाई कारोबार से जुड़े दुकानदार, कारीगर व मिठाई परोसने वाला मजदूर पूरी तरह बेरोजगार हो गये हैं और उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. मिठाई बाजार को लगा 5 करोड़ से अधिक का झटका बताया जाता है कि मुंगेर में मिठाई का कारोबार कमाई का प्रमुख साधन है. जिसके कारण पिछले छह महीने में 25 से अधिक बड़ा दुकान मुंगेर शहर में खुला.-
जमालपुर का बंगला मिठाई तो लोगों का मनपसंद मिठाई है. लेकिन अब इस कारोबार को कोरोना वायरस फैलने के कारण बड़ा झटका लगा है. दुकानदारों की माने तो मुंगेर शहरी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्र में बड़ा-छोटा दुकान मिलाकर 150 दुकान होगा. जबकि जमालपुर में 40 से 50 दुकान है. इसी तरह जिले भर में लगभग 500 से अधिक मिठाई की दुकानें हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण यह कारोबार बुरी तरह से ठप हो गया. 22 मार्च से ही मिठाई की दुकान बंद पड़ी हुई है. प्रथम चरण के लॉकडाउन को तो किसी तरह दुकानदारों ने झेल लिया. लेकिन दूसरे चरण का लॉकडाउन उनके लिए काफी दुखदायी हो गयी है. कारोबारियों की माने तो मिठाई बाजार को लॉकडाउन के कारण 5 करोड़ से अधिक का नुकसान जिले में हुआ है. कारीगर, मजदूर व दूधवालों की बढ़ी परेशानी मिठाई कारोबार ठप होने से मिठाई कारीगर, उससे जुड़े मजदूर और दूध वालों की परेशानी काफी बढ़ गयी है.
बताया जाता है कि लगभग 1000 से अधिक कारीगर और मजदूर इस कारोबार से प्रभावित हुए हैं. जिनको अब रोजगार की तालाश है. लेकिन लॉकडाउन के कारण रोजगार कहां से मिलेगा. प्रतिदिन इन कारीगरों व मजदूर को घर जाते समय मजदूरी दी जाती थी. लेकिन दुकान बंद रहने के कारण इनका आर्थिक स्रोत बंद हो गया है. अब इनके सामने पेट भरने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बताया जाता है कि मुंगेर में दूध का काफी खपत है. मुंगेर के साथ ही बेगूसराय व खगड़िया से यहां दूध रेल एवं गंगा मार्ग से पहुंचता था. प्रतिदिन मुंगेर बाजार में 20000 लीटर दूध की खपत थी. जबकि जमालपुर में भी लगभग 5000 लीटर दूध की खपत थी.
जो पुरी तरह से ठप हो गया. बेगूसराय और खगड़िया के दुहाव तो दूध से क्रीम व घी निकाल रहे हैं. लेकिन मुंगेर के दूध कारोबारी परेशान हैं. मिठाई की मिठास से लोग हो गये महरूम मुंगेर व जमालपुर का बंगला मिठाई काफी प्रसिद्ध है. प्रतिदिन दो-तीन लाख रूपये का सिर्फ मुंगेर में मिठाई का कारोबार है. मुंगेर में 30 से 40 प्रतिशत लोग मिठाई का सेवन करते हैं. लेकिन मिठाई दुकान बंद होने से लोग उसके मिठास से वंचित हो गये हैं. लोगों की माने तो रामनवमी पर्व पर भगवान को चढ़ाने के लिए लड्डू तक नहीं मिल रहा था. ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-मोटे दुकान से लोगों को लड्डू खरीद कर लाना पड़ा. शहर के सटे मुहल्ला में कुछ मिठाई का दुकान लॉकडाउन में भी संचालित हुआ. लेकिन वह भी पिछले 20 दिनों से बंद हो गया. कहते हैं मिष्ठान व्यवसायी मुंगेर के प्रसिद्ध मिठाई दुकान अंबर स्वीट्स के संचालक संतोष अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण मिठाई की दुकान पूरी तरह से बंद हो गया है. इससे जुड़े दुकानदार, कारीगर, मजदूर सभी परेशान हैं. कारोबार नहीं होने से इनकम टैक्स व जीएसटी भरने के लिए मिठाई दुकानदारों के पास पैसा नहीं आया है.