मुंगेर विश्वविद्यालय के लाइजनिंग ऑफिसर रखने के प्रस्ताव को राजभवन ने किया होल्ड
मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय स्थापित करने को लेकर संजीव कुमार सिंह को लाइजनिंग ऑफिसर रखने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया था.
प्रभारी कुलपति द्वारा संजीव कुमार सिंह को लाइजनिंग ऑफिसर बनाने का भेजा गया था प्रस्ताव, प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी को भी अबतक राजभवन से नहीं मिल पायी है नीतिगत निर्णय लेने की अनुमति, प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय स्थापित करने को लेकर संजीव कुमार सिंह को लाइजनिंग ऑफिसर रखने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया था. जिसे राजभवन द्वारा वर्तमान में होल्ड कर दिया गया है. हालांकि, इसे लेकर राजभवन द्वारा मौखिक रूप से ही निर्देश दिया गया है. जबकि एमयू के प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी को भी अबतक राजभवन से नीतिगत निर्णय लेने की हरी झंडी नहीं दी है. 19 अगस्त को मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्यामा राय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एलएनएमयू, दरभंगा के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी को मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति बनाया गया था. जिनके द्वारा 19 मई को ही विश्वविद्यालय में कुलपति का प्रभार लिया गया. इसके बाद 20 मई को कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के प्रमोशन सहित अन्य कई पेडिंग मामलों को पूरा करने के लिये राजभवन से नीतिगत निर्णय लेने की अनुमति मांगी गयी. साथ ही इसके साथ एमयू के विभिन्न मामलों को लेकर राजभवन व शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित करने को लेकर संजीव कुमार सिंह को लाइजनिंग ऑफिसर के रूप में रखने को लेकर भी अनुमति मांगी गयी थी. वहीं अब राजभवन द्वारा मौखिक रूप से लाइजनिंग ऑफिसर को रखने के निर्णय को होल्ड कर दिया गया है. इस कारण अब एमयू के लिये लाइजनिंग ऑफिसर रखने का मामला भी वर्तमान में पेंडिंग में चला गया है. हलांकि राजभवन को भेजे गये अनुमति पत्र में विश्वविद्यालय द्वारा अपने लाइजनिंग ऑफिसर को 35 हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात भी कही गयी थी, लेकिन राजभवन से लाइजनिंग ऑफिसर रखने के मामले को होल्ड कर दिये जाने के बाद अब फिलहाल मामला अधर में ही लटक गया है.
कहते हैं ओएसडी
कुलपति के ओएसडी डॉ प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि लाइजनिंग ऑफिसर रखने की अनुमति पर राजभवन द्वारा रोक नहीं लगायी है. हालांकि राजभवन द्वारा मौखिक रूप से इसे फिलहाल होल्ड कर दिया गया है.
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