बदहाली : फिजिक्स, कैमेस्ट्री व मैथ के नहीं हैं शिक्षक, हो रही इंटर साइंस की पढ़ाई
शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह डमाडोल है
– जिला स्कूल मुंगेर में कई महत्वपूर्ण विषय के नहीं है शिक्षक, शैक्षणिक व्यवस्था बदहाल
मुंगेरकभी मुंगेर जिले के शैक्षणिक क्षेत्र में आन-बान व शान रहे जिला स्कूल मुंगेर की शैक्षणिक व्यवस्था आज पूरी तरह बदहाल हो चुकी है. बिना शिक्षक के ही बच्चों की पढ़ाई हो रही है और बच्चे परीक्षा देकर पासआउट हो रहे हैं. हालात यह है कि इंटर साइंस में यहां फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मैथ के शिक्षक नहीं हैं. दूसरी ओर भाषा विषय में भी अंग्रेजी और हिंदी के शिक्षक के बिना बच्चों की पढ़ाई हो रही है. अब हालात स्वत: ही शैक्षणिक व्यवस्था को बयां कर रही है.
जिला स्कूल मुंगेर का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है और इस विद्यालय ने राज्य को दो-दो मुख्यमंत्री भी दिये. लेकिन वर्तमान व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है. यूं तो आज भी इस विद्यालय में नवम् से 12 वीं तक की पढ़ाई होती है और कुल 978 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह डमाडोल है या यूं कहें कि इस विद्यालय में नामांकन लेने वाले बच्चों को कहीं इतर पढ़ाई कर अपना सेलेबस पूरा करना पड़ता है और वे परीक्षा देकर पासआउट हो रहे हैं.इंटर साइंस में महत्वपूर्ण विषय के शिक्षक नहीं
जिला स्कूल के इंटर साइंस में कुल 256 विद्यार्थी नामांकित हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं हैं. हालात यह है कि सभी महत्वपूर्ण विषय अर्थात फिजिक्स, कैमेस्ट्री व मैथ के शिक्षक यहां नहीं हैं. इस परिस्थिति में बच्चों को कौन पढ़ायेगा और उन्हें कैसे ज्ञान प्राप्त होगा. इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक डा. निशा कुमार का कहना है कि शिक्षकों की कमी की जानकारी विभाग को है और विभागीय अधिकारियों को कई बार लिखा भी गया है, लेकिन अबतक शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हो पाया है.हिंदी व अंग्रेजी के भी नहीं हैं शिक्षक
सरकार भले ही उच्च विद्यालयों में इंटर की पढ़ाई प्रारंभ कर दी, लेकिन इंटर स्तरीय शिक्षकों की आज भी भारी कमी है. जिला स्कूल मुंगेर में जहां अंग्रेजी और हिंदी के शिक्षक नहीं हैं. वहीं इंटर कला में राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र एवं भूगोल के भी शिक्षक नहीं हैं. इस परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे ही माना जा सकता है.50 प्रतिशत बच्चे भी नहीं आ रहे स्कूल
जिला स्कूल मुंगेर में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई समुचित ढ़ंग से नहीं हो पा रही है. फलत बच्चे भी स्कूल आना उचित नहीं समझते. कई बच्चों ने कहा कि स्कूल जाकर क्या करेंगे, सिर्फ हाजरी बनाकर समय बर्बाद करना पड़ता है. इससे अच्छा है कि हमलोग कहीं कोचिंग तो कहीं ट्यूशन के सहारे अपने कोर्स को पूरा कर रहे हैं. समय आने पर परीक्षा देकर डिग्री ले लेना है.कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक
जिला स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक डा. निशा कुमारी ने कहा कि इंटर में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं है. बावजूद जो शिक्षक उपलब्ध हैं. उनके सहारे बच्चों के पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा है.
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