प्रतिनिधि, जमालपुर. पूर्व रेलवे के जमालपुर रेलवे स्टेशन पर कई प्रकार के संसाधन का अभाव है. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करोड़ की लागत से स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है, लेकिन ट्रेनों के रखरखाव के लिए यहां ब्रिटिश शासन से लेकर अबतक कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. यही कारण है कि मालदा डिवीजन का ग्रेड ए का दर्जा हासिल जमालपुर जंक्शन पर ट्रेन मेंटेनेंस के लिए न तो वाशिंग पिट है और न ही यार्ड. हाल यह है कि जमालपुर स्टेशन पर मात्र 17 कोच के रैक का रखरखाव हो सकता है, लेकिन लंबी दूरी के ट्रेनों में 19 से 22 कोच होते हैं. इसके कारण उनका रखरखाव जमालपुर में संभव नहीं है और इस प्रकार के ट्रेन को समीप के रेलवे स्टेशनों धरहरा या धनौरी भेज दिया जाता है. कई ट्रेनों को गुड्स ट्रेन की लाइन पर खड़ा कर दिया जाता है. इस कारण गुड्स ट्रेन को प्लेटफाॅर्म से सटे हुए लाइन पर लिया जाता है. इस कारण यात्री ट्रेन प्रभावित होती है. जमालपुर स्टेशन से वर्तमान में जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस, जमालपुर-गया पैसेंजर, जमालपुर- देवघर पैसेंजर, जमालपुर-साहिबगंज पैसेंजर, जमालपुर-खगड़िया और तिलरथ पैसेंजर, जमालपुर- रामपुरहाट पैसेंजर तथा जमालपुर-क्यूल पैसेंजर का परिचालन होता है. इसमें जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस का प्राइमरी मेंटेनेंस जमालपुर में किया जाता है, जबकि अन्य ट्रेनों का सेकेंडरी मेंटेनेंस यहां होता है. जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस में 19 कोच लगे हैं और 19 कोच के रखरखाव के लिए जमालपुर स्टेशन पर कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है. ऐसे में जबतक जमालपुर स्टेशन पर वाशिंग पिट और यार्ड की व्यवस्था नहीं की जाती, तबतक जमालपुर से किसी महानगर के लिए लंबी दूरी की ट्रेन का परिचालन संभव नहीं है. ऐसे में यदि जमालपुर में यार्ड की समुचित व्यवस्था हो जाये तो यहां से कई नई ट्रेनों का परिचालन संभव है. यह स्थिति तब बनी हुई है, जब स्थानीय लोगों द्वारा जमालपुर से महानगरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा देने की मांग की जाती रही है. सूत्रों की माने तो जमालपुर में तीन चौथाई भू भाग पर रेलवे है. जबकि एक चौथाई भूभाग ही सिविलियन है. ऐसे में रेलवे के पास अपार जमीन रहने के बावजूद यहां जिम्मेदार द्वारा यार्ड का निर्माण नहीं किया जाना अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है. कहती है पीआरए मालदा रेल मंडल की पीआरए रूपा मंडल ने कहा कि जमालपुर में मात्र 17 कोच का यार्ड है, लेकिन जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस में 19 कोच लगते हैं. इसलिए उसे धनौरी में रखा जाता है. जबकि 17 कोच से कम रैक का रखरखाव स्टेशन में ही किया जाता है. जमालपुर में यार्ड को लेकर भी काम किया जा रहा है.
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