Munger news : राज्य सरकार ने दिसंबर 2022 में 1.98 करोड़ की लागत से मिशन-60 के तहत सदर अस्पताल के पुराने और जर्जर भवनों का न केवल रंग-रोगन कराया था, बल्कि वार्डों में नये टाइल्स व अस्पताल के फ्लोर का जीर्णोद्धार भी कराया था. पर, मात्र डेढ़ साल में ही सदर अस्पताल में मिशन-60 के तहत किये गये कार्यों का सच दिखने लगा है. हाल यह है कि न सिर्फ भवन की दीवारों से पेंट झड़ने लगे हैं, बल्कि वार्डों में लगे टाइल्स भी टूटकर गिर रहे हैं. अब ऐसे में मिशन-60 के दौरान किये गये कार्य की गुणवत्ता को खुद की समझा जा सकता है.
1.98 करोड़ से किया गया था रंगरोगन व जीर्णोद्धार
दिसंबर 2022 में 1.98 करोड़ की लागत से मिशन-60 के तहत मुंगेर सदर अस्पताल के रंग-रोगन व जीर्णोद्धार का कार्य किया गया था. रंग-रोगन के साथ ही सभी वार्डों में नये टाइल्स लगाये गये थे. इसके अतिरिक्त अस्पताल में बॉटनिकल गार्डन, शौचालयों का जीर्णोद्धार और अस्पताल के अंदर व बाहर फ्लोर का जीर्णोद्धार किया गया था. मिशन-60 का पूरा कार्य बीएमआइसीएल द्वारा कराया गया था, लेकिन कार्य की गुणवत्ता पर प्रारंभ से ही सवाल उठता रहा है.
मात्र डेढ़ साल में ही दीवारों से झड़ने लगा पेंट
मिशन-60 के दौरान अस्पताल के रंग-रोगन कार्य की गुणवत्ता को केवल इसी से समझा जा सकता है कि मात्र डेढ़ साल में ही अस्पताल के भवनों की दीवारों से पेंट झड़ने लगा है. पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, एमसीएच, एनआरसी समेत कई वार्डों में दीवारों का पेंट झड़ रहा है. एमसीएच वार्ड के बाहर की दीवारें तो पेंट झड़ने के कारण बदरंग होती जा रही हैं, जो मिशन-60 के दौरान चमकनेवाले सदर अस्पताल की सुंदरता पर दाग लगा रही हैं.
वार्डों में टूट कर गिरने लगे टाइल्स
मिशन-60 के दौरान किये गये कार्य की हालत यह है कि मात्र डेढ़ साल में ही सदर अस्पताल के वार्डों में लगे टाइल्स दीवार और फ्लोर से उखड़ने लगे हैं. पुरुष वार्ड, अस्पताल उपाधीक्षक कक्ष के बाहर, महिला वार्ड, एमसीएच वार्ड समेत कई वार्डों में या तो टाइल्स दीवार से टूटकर नीचे गिर गये हैं या उबड़-खाबड़ हो गये हैं. इन वार्डों के शौचालयों की हालत भी मात्र डेढ़ साल में ही खराब हो गयी है.
छतों से टपक रहा बारिश का पानी
सदर अस्पताल के वार्डों की छतों से बारिश का पानी टपकने लगा है, जबकि पुराने भवनों में केवल रंग-रोगन कर दिये जाने से अब पेंट झड़ने पर वार्डों में सीलन मरीजों के लिए बड़ी मुसीबत बन गयी है. हाल यह है कि बारिश के दौरान वार्डों में छत से टपकता बारिश का पानी मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. इससे अस्पताल के विभिन्न जांच केंद्रों में मशीनों के भी खराब होने का भी खतरा बना है. बीते दिनों तो बारिश का पानी छत से टपकने के कारण एक्स-रे मशीन भी खराब हो गयी थी. इतना ही नहीं गर्मी के दिनों में सीलन के कारण उमस मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनी है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि मिशन-60 कार्य उनके कार्यकाल के दौरान का नहीं है. हालांकि बीएमआइसीएल को सिविल सर्जन आवास के भवन को भी ठीक करने के लिए कहा गया था, लेकिन एजेंसी ने नहीं किया. इसे लेकर विभाग को भी पत्र भेजा गया है.