तिलकामांझी ने जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार का दिया था नारा : रमन
तिलकामांझी के जीवन संघर्षों को गांव शहर में फैला दो की जीवनी को स्कूली पाठ्य पुस्तक में शामिल करो
– ऑल इंडिया जन अधिकार सुरक्षा कमेटी ने मनाया शहीद तिलकामांझी की जयंती हवेली खड़गपुर ऑल इंडिया जन अधिकार सुरक्षा कमेटी की ओर से मंगलवार को प्रखंड के गोबड्डा पंचायत के मंदारे गांव में गोविंद बेसरा और अर्जुन सोरेन के नेतृत्व में शहीद तिलकामांझी की जयंती मनाई गई. जयंती पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया जन अधिकार सुरक्षा कमेटी के बिहार राज्य प्रभारी रमन सिंह ने कहा कि बिहार की धरती पर शहीद तिलकामांझी ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ ऐसा संघर्ष किया जो बहुत लंबे दिनों तक चला. उन्होंने कहा कि जिस तिलकामांझी के नाम पर भागलपुर में तिलकामांझी विश्वविद्यालय बना है. वहां आदिवासियों के लिए कोई पढ़ाई नहीं हो रही है. आदिवासी भाषा का कोई विभाग नहीं है. तिलकामांझी ने जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार का नारा दिया था. इसके उपरांत तिलकामांझी अमर रहे, तिलकामांझी के जीवनी को स्कूली पाठ्य पुस्तक में शामिल करो, आदिवासियों के हक को छीनना बंद करो, आदिवासियों के हक के लिए संघर्ष करने वाले तिलकामांझी को राष्ट्रीय इतिहास में शामिल करो, तिलकामांझी के जीवन संघर्षों को गांव शहर में फैला दो की जीवनी को स्कूली पाठ्य पुस्तक में शामिल करो, वन अधिकार कानून 2006 लागू करो, जंगल जाने का बेरोकटोक अधिकार देना होगा के नारे लगाये गये. मौके पर बाबूलाल किस्कू, संजय सोरेन, मुंशी सोरेन, अरशु देवी, दयानंद पासवान, अनिल कुमार, गोविंद बेसरा, विष्णु मांझी समेत कमेटी के दर्जनों सदस्य व आदिवासी मौजूद थे.
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