प्रतिनिधि, मुंगेर. वैसे तो ओपीडी का संचालन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाता है. ताकि अलग-अलग बीमारियों के मरीजों का इलाज उस बीमारी के संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सक करे, लेकिन मुंगेर सदर अस्पताल का ओपीडी भगवान भरोसे है. जहां ओपीडी का संचालन आयुष चिकित्सकों के भरोसे होता है. जिस आयुष चिकित्सक की ड्यूटी फिजिशियन के रूप में होती है, वही आयुष चिकित्सक दूसरे दिन हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अब ऐसे में सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधा का केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है. हद तो यह है कि ओपीडी के चिकित्सक की ड्यूटी ही पोस्टमार्टम के लिये भी लगा दी जाती है. इस कारण पर्ची कटाने के बाद मरीजों को अपने इलाज के लिये भी इंतजार करना पड़ता है. बुधवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में आयुष चिकित्सक डॉ प्रमिला की ड्यूटी फिजिशियन के रूप में थी, लेकिन हड्डी विशेषज्ञ नहीं होने के कारण डॉ प्रमिला कुमारी ही हड्डी के मरीजों का इलाज करती नजर आयी. इस बीच ओपीडी में तैनात फिजिशियन चिकित्सक डॉ बीएन सिंह की ड्यूटी पोस्टमार्टम के लिये लगा दी गयी. इस कारण मरीजों को आधे घंटे तक इलाज के लिये इंतजार करना पड़ा. हद तो यह है कि सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन एक फिजिशियन के साथ दो आयुष चिकित्सकों की ड्यूटी फिजिशियन के रूप में लगायी जाती है, लेकिन बुधवार को मात्र फिजिशियन डॉ बीएन सिंह और आयुष चिकित्सक डॉ प्रमिला कुमारी के भरोसे ही चलता रहा. हालांकि, दंत चिकित्सक और महिला ओपीडी में विशेषज्ञ चिकित्सक ड्यूटी पर तैनात थी, लेकिन बदलते मौसम के बीच फिजिशियन और हड्डी मरीजों की संख्या अधिक थी. जिसकी इलाज की जिम्मेदारी केवल दो चिकित्सकों के भरोसे ही होता रहा.
सीएस का निरीक्षण भी नहीं सुधार सकी व्यवस्था
सदर अस्पताल में एक दिन पूर्व सीएस डॉ विनोद कुमार सिन्हा के निरीक्षण के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी. यहां की व्यवस्था भगवान भरोसे है. कई बार तो चिकित्सकों के पास बैठे पारामेडिकल स्टूडेंट मरीजों की दवा लिखते नजर आते हैं. हद तो यह है कि उस दौरान चिकित्सक तक मौजूद नहीं होते. ऐसे में पारामेडिकल स्टूडेंट द्वारा लिखी गयी दवा मरीजों के लिये कितनी कारगर साबित होगी यह तो अस्पताल प्रबंधन से बेहतर ही कोई समझ सकता है. इससे अलग भव्या एप मुंगेर सदर अस्पताल आने वाले मरीजों के लिये भी बड़ी मुसीबत है, क्योंकि ड्यूटी रोस्टर के अनुसार पर्ची काउंटर पर तो मरीजों को संबंधित चिकित्सक के पास भेज दिया जाता है, जहां चिकित्सक नहीं रहने पर या तो मरीजों को इंतजार करना पड़ता है या फिर निराश होकर वापस लौटना पड़ता है.
कहते हैं सीएस
सीएस डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि उनके द्वारा अपने स्तर से मंगलवार को ओपीडी का निरीक्षण किया गया था. जबकि बुधवार को भी दूसरे शिफ्ट में ओपीडी का निरीक्षण किया गया. इस दौरान भी दंत चिकित्सक डॉ पुतुल कुमारी अनुपस्थित पायी गयी. इसे लेकर उनके वेतन रोकने की कार्रवाई की जायेगी. साथ ही एक चिकित्सक डॉ शशिधर नहीं थे. जिनके बारे में बताया गया वे बीमार हैं. अस्पताल उपाधीक्षक को निर्देशित किया गया कि अवकाश पर गये चिकित्सक की जगह दूसरे चिकित्सक की ड्यूटी लगायी जाये.
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