जमालपुर. आदिवासी सांस्कृतिक संस्था जमालपुर ने रविवार को स्थानीय जमालपुर स्पोर्ट्स एसोसिएशन मैदान में आदिवासी मिलन समारोह सह खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया. जहां तीरंदाजी के साथ विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किया गया. कार्यक्रम का नेतृत्व संस्था के अध्यक्ष मुनेश्वर टुडू ने किया. मुख्य अतिथि रेल इंजन कारखाना जमालपुर के मुख्य कारखाना प्रबंधक के निज सचिव आरजे होरो तथा विशिष्ट अतिथि जमालपुर कारखाना के डिप्टी सीईई बीपीके मिंज, भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान के प्रोफेसर एबी बाखला, मधुबनी के प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज मुर्मू तथा समाजसेवी पृथ्वीराज हेंब्रम थे. मुख्य अतिथि ने तीरंदाजी कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि जिस समाज की संस्कृति और साहित्य धनी होते हैं. वह समाज मजबूत माना जाता है, इसलिए हमारी सभ्यता संस्कृति और अपनी भाषा को हमें अक्षुण्ण बनाए रखने की जरूरत है. यही हमारी विशिष्ट पहचान है. विशिष्ट अतिथियों ने कहा कि आज के पश्चिमी सभ्यता को आत्मसात करने की दौड़ में हमें अपनी सभ्यता संस्कृति और अपनी भाषा को भूलना नहीं चाहिए, क्योंकि वही हमारी एकता और समृद्धि का परिचायक है. उन्होंने आने वाली पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि बेशक मेट्रोपॉलिटन में नौकरी करें, परंतु जब वापस अपने घर पहुंचे तो अपनों को अपनाएँ और अपनी विरासत को सदैव याद रखें. संस्था के संरक्षक टूडा मुर्मू, स्टीफन सोरेन, शीतल कुमार जोजो, सुशील सोरेन और आनंद टोप्पो ने भी अपने विचार व्यक्त किये. संथाली नृत्य कार्यक्रम के आकर्षण का बना रहा केंद्र सांस्कृतिक कार्यक्रम में वीरेंद्र सोरेन की पुत्री मीनू ने संथाली नृत्य प्रस्तुत कर वहां उपस्थित लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. इसके बाद छोटा नागपुर ग्रुप नृत्य महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया. जिसमें विनीता तिर्की, वेरोनिका टोप्पो आश्रिता समद, सुशीला खलखो, सेलिना बारा, पुतुल खलखो, विभा, पूनम, आश्रित पन्ना, निमिता मुंडा, रुक्मणी बेसरा और किन्नी शामिल हुई. बाद में अतिथियों द्वारा संथाली भाषा के अलचिकी लिपि में लिखी गई किताब सोहराय पर्व पुट्टी का विमोचन किया गया. बताया गया कि इस पुस्तक में आदिवासियों के महत्वपूर्ण पर्व में शामिल सोहराय कर्मा और सरहुल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. जिसमें कहा गया है कि पर्व को कैसे मनाया जाता है और किस देवता को समर्पित किया जाता है. मौके पर बैजनाथ टुडू शिवसागर सोरेन जय किशोर सोरेन और अजय हेंब्रम मंचासीन थे. बाद में विभिन्न प्रकार के खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ. जिसमें बालक एवं बालिकाओं के लिए जलेबी रेस, सुई धागा रेस और तीरंदाजी प्रतियोगिता शामिल थी. मौके रूपनारायण टुडू, बाबूलाल मरांडी, जलदेव उरांव, राम रतन सिंह मुंडा, महेंद्र कुमार, संजय मिश्रा, प्रकाश सोरेन, बसंत लकड़ा, राजकुमार सोरेन, सुशील मरांडी आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है