असरगंज में डायरिया से दो सगी बहनों की मौत, गांव में पसरा मातम
प्रखंड के सतीस्थान गांव में सोमवार को डायरिया से दो सगी बहनें की मौत हो गयी.
स्वास्थ्य विभाग की टीम सती स्थान गांव पहुंच कर बीमार लोगों की बना रही सूची, प्रतिनिधि, असरगंज. प्रखंड के सतीस्थान गांव में सोमवार को डायरिया से दो सगी बहनें की मौत हो गयी. मौत के बाद परिजनों में जहां कोहराम मच गया. वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. एक घर से दो बच्ची की मौत पर हर कोई हतप्रभ है. जबकि राजकुमार यादव का 8 वर्षीय पुत्र रूस्तम कुमार व उनकी दो जुड़वा पुत्री रोमा व सोमा को बेहतर इलाज के लिए मुंगेर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है.
दो बच्ची की मौत से परिजनों में कोहराम, गांव में पसरा मातम
बताया जाता है कि सतीस्थान गांव निवासी राजकुमार यादव की 11 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी व 5 वर्षीय पुत्री प्राची कुमारी की तबीयत रविवार को खराब हो गयी. परिजनों ने दोनों को इलाज के लिए एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया था. मृतक की दादी कैली देवी ने बताया कि दोनों बच्चों को उल्टी होने लगी. इसके बाद निजी क्लीनिक में इलाज कराने के बाद ठीक हो गयी. अचानक देर रात्रि फिर से बच्ची की तबीयत बिगड़ गयी और एक-एक कर दोनों बच्ची ने दम तोड़ दिया. बच्ची की मौत के बाद मृतक की मां पूजा देवी दहाड़ मारकर रोने लगी. विडंबना यह है कि आठ दिन पूर्व बच्ची के दादा की गंभीर बीमारी से मौत हो गयी थी. अभी श्राद्ध खत्म भी नहीं हुआ था कि दो बच्ची की मौत हो गयी. दो बच्चियों की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है और ग्रामीण भयभीत हैं. इधर, घटना की सूचना पर ग्राम पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र मांझी व पंचायत सचिव महामाया प्रसाद मृतक के घर पहुंचे व परिजनों को तीन हजार रुपये सहायता राशि उपलब्ध करायी. वहीं राजकुमार यादव का 8 वर्षीय पुत्र रुस्तम कुमार, 3 वर्षीय जुड़वा पुत्री रोमा कुमारी व सोमा कुमारी भी डायरिया से पीड़ित है. जिसे इलाज के लिए असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जंहा ड्यूटी पर तैनात डॉ मानस श्री ने तीनों बच्चे को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल मुंगेर भेज दिया.
घटना के बाद पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
मुंगेर.
दो बच्चियों की मौत की खबर सुनते ही स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मच गया. इसके बाद आनन-फानन में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ निरंजन कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक मो. आफाक व एएनएम रंभा कुमारी सती स्थान गांव पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कई सवाल खड़े किया. ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कभी भी ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया. वहीं चिकित्सा पदाधिकारी ने गांव के सभी बीमार लोगों की सूची व डोर टू डोर जाकर सर्वे करने का निर्देश दिया. चिकित्सा पदाधिकारी ने ग्रामीणों को गरम भोजन व गरम पानी पीने की नसीहत दी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ब्लीचिंग पाउडर ग्रामीणों को सौंप कर वापस हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है