आउटसोर्सिंग कर्मियों के हड़ताल को लेकर विश्वविद्यालय व एजेंसी उदासीन, बढ़ेगी परेशानी
तीन माह के बकाये मानदेय को लेकर 22 दिनों से मुंगेर विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मी व एजेंसी एलाइट फैल्कॉन आमने-सामने हैं, जबकि आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर है.
तीन माह के बकाये मानदेय को लेकर 22 दिनों से एजेंसी और आउटसोर्सिंग कर्मी आमने-सामने
विश्वविद्यालय में मात्र आठ ही नियमित कर्मचारी, शेष कार्यालय आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसेफोटो कैप्शन – मुंगेर विश्वविद्यालय
मुंगेर. तीन माह के बकाये मानदेय को लेकर 22 दिनों से मुंगेर विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मी व एजेंसी एलाइट फैल्कॉन आमने-सामने हैं, जबकि आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर है. हड़ताल को लेकर एमयू प्रशासन की उदासीनता अब खुद विश्वविद्यालय के लिये मुसीबत बनने वाली है. क्योंकि विश्वविद्यालय नये साल में खुल चुका है और जनवरी के अंतिम सप्ताह में ही विश्वविद्यालय द्वारा सीनेट बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया है. ऐसे में विश्वविद्यालय के अधिकांश कार्यालयों का संचालन आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही हो रहा है, तो सीनेट बैठक सहित अन्य कार्यों की तैयारी के लिये एमयू के लिये परेशानी बढ़ेगी.22 दिनों से एजेंसी और आउटसोर्सिंग कर्मी आमने-सामने
एमयू द्वारा 2024 में ही दीपावली के दौरान 70 आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिये करीब 1.15 करोड़ रुपये का भुगतान एजेंसी को एडवांस के रूप में किया गया था. इसमें से एजेंसी द्वारा 4 माह के बकाये मानदेय का भुगतान कर्मियों को किया गया. वहीं शेष तीन माह के बकाये मानदेय को लेकर करीब 22 दिनों से आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल पर हैं, जबकि एजेंसी पूरी तरह इस मामले में मौन है. हद तो यह है कि खुद विश्वविद्यालय प्रशासन इसे एजेंसी और आउटसोर्सिंग कर्मियों के बीच का मामला बताकर हड़ताल समाप्त कराने को लेकर उदासीन है.आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे विश्वविद्यालय के कई विभाग
एमयू प्रशासन भले ही आउटसोर्सिंग कर्मियों के हड़ताल को एजेंसी और कर्मियों के बीच का मामला बताकर पल्ला झाड़ रहा हो, लेकिन यह हाल तब है, जब एमयू के कई कार्यालयों का संचालन आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही है. बता दें कि एमयू में 8 नियमित कर्मचारी ही कार्यरत हैं. इसमें दो कुलपति, तीन कुलसचिव, दो वित्त विभाग, एक खेल विभाग तथा दो परीक्षा विभाग में नियमित कर्मचारी कार्यरत है, जबकि शेष कार्यालय जैसे डीएसडब्ल्यू ऑफिस, लीगल सेल, ओएसडी कार्यालय, वित्त पदाधिकारी कार्यालय, एनएसएस कार्यालय, सीसीडीसी कार्यालय आदि का संचालन आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही है, जबकि स्थापना कार्यालय, कुलसचिव कार्यालय, परीक्षा विभाग के अधिकांश कार्य भी आउटसोर्सिंग कर्मियों के कंधे पर ही है.हड़ताल से लगातार प्रभावित हो रहे विश्वविद्यालय के कार्य
एमयू के अधिकांश कार्यालयों का संचालन आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे है. हड़ताल के कारण लगातार विश्वविद्यालय के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. हाल यह है कि अब एमयू के कंधों पर सीनेट बैठक की तैयारी की भी बड़ी जिम्मेदारी है. इसके लिये खुद विश्वविद्यालय द्वारा जनवरी माह के अंतिम सप्ताह का प्रस्ताव राजभवन भेजा गया है. इतना ही नहीं एमयू द्वारा बीते दिनों कई सत्रों की परीक्षा भी ली गयी है. इसके उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन का कार्य जारी है. ऐसे में हड़ताल के कारण रिजल्ट भी प्रभावित होगा.कहते हैं ओएसडी
कुलपति के ओएसडी डाॅ प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि एजेंसी को अबतक किये गये भुगतान का ऑडिट कराया जा रहा है. इसके बाद शेष बकाये का भुगतान को लेकर निर्णय लिया जायेगा. हड़ताल को लेकर एजेंसी तथा कर्मियों से बात की गयी है. हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है