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दीक्षांत समारोह की तैयारियों में उलझा विश्वविद्यालय, पेंडिंग कार्यों की बढ़ती जा रही लिस्ट

मुंगेर विश्वविद्यालय में आगामी 6 मार्च को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है.

सीनेट व सिंडिकेट बैठक सहित अतिथि शिक्षकों के विस्तार को लेकर सिलेक्शन कमेटी के अनुमोदन, अबतक नहीं हो पाया पूरा

मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय में आगामी 6 मार्च को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है. जिसके लिये लगातार बैठक भी हो रही है, लेकिन दीक्षांत समारोह की तैयारियों में उलझे विश्वविद्यालय के कंधों पर अब पेंडिंग कार्यों की लिस्ट लंबी होती जा रही है. सीनेट व सिंडिकेट बैठक सहित अतिथि शिक्षकों के विस्तार को लेकर सेलेक्शन कमिटी के अनुमोदन, संविदाकर्मियों के सेवा विस्तार का अनुमोदन, अनुकंपा पर नियुक्ति जैसे मामले लंबित है. वहीं एमयू अबतक 3.7 करोड़ रूपये के एडवांस का समायोजन तक नहीं कर पाया है.

एमयू के पूर्व कुलपति प्रो. श्यामा राय का कार्यकाल 19 अगस्त 2024 को समाप्त होने के बाद लगभग 4 माह तक एमयू का संचालन प्रभारी कुलपति के भरोसे होते रहा. वहीं 16 जनवरी को स्थायी कुलपति प्रो. संजय कुमार ने पदभार भी ग्रहण कर लिया, ऐसे में उम्मीद थी कि अब एमयू के पेंडिंग कार्य पूरा होगा, लेकिन दीक्षांत समारोह की तैयारियों में उलझे एमयू प्रशासन के कंधों पर अब पेंडिंग कार्यों की सूची लंबी होती जा रही है. एक ओर जहां अतिथि शिक्षकों के विस्तार को लेकर सेलेक्शन कमिटी अबतक नहीं बन पायी है. वहीं संविदाकर्मियों को मिले सेवा विस्तार को भी सीनेट से अनुमोदन मिलना है. इसके अतिरिक्त अनुकंपा पर नियुक्ति का मामला लंबे समय से विश्वविद्यालय में पेंडिंग पड़ा है.

बजट तैयार नहीं, सीनेट बैठक की जिम्मेदारी

एमयू में इन दिनों हाल यह है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त होने में अब लगभग डेढ़ माह का समय ही बचा है. ऐसे में एमयू दो माह बाद भी अबतक अपना वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये बजट तैयार नहीं कर पाया है. जबकि 31 मार्च तक एमयू को अपना बजट सीनेट से अनुमोदित कराने के बाद स्वीकृति के लिये सरकार को भेजा जाना है. बता दें कि एमयू द्वारा साल 2024 में सीनेट बैठक का आयोजन नहीं किया गया था. जिसके कारण वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट को सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन भी नहीं मिल पाया था. जिससे एमयू को पूरे वित्तीय वर्ष में कई प्रकार के वित्तीय परेशानियों से जूझना पड़ा. अब ऐसे में एमयू के लिये सीनेट बैठक और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.

3.7 करोड़ के एडवांस का सेटलमेंट भी अबतक नहीं हो पाया पूरा

एमयू के लिए वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने लगभग 3.7 करोड़ रूपये का एडवांस सेटलमेंट है, क्योंकि इसे लेकर कैग टीम द्वारा न केवल आपत्ति दर्ज करायी गयी है, बल्कि अपने ऑडिट के बाद कैग टीम द्वारा सरकार को भेजे गये रिर्पोट में भी एडवांस सेटलमेंट का जिक्र किया गया है. वहीं खुद शिक्षा विभाग की बैठक में भी कई बार विश्वविद्यालय को अपने एडवांस सेटलमेंट को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. हाल यह है कि सालों से लंबित एडवांस सेटलमेंट मामले के कारण अब एमयू के शिक्षक और कर्मी किसी भी प्रकार के कार्यक्रम के दौरान एडवांस लेने से भी कतराने लगे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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