– खेल को लेकर गंभीर रहने को लेकर कुलाधिपति के निर्देश के बावजूद एमयू प्रशासन लापरवाह
मुंगेरमुंगेर विश्वविद्यालय में अधिकारी, शिक्षक और कर्मी पिछले कुछ दिनों से प्रोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर जितने अधिक सक्रिय रहे हैं, उतने ही विश्वविद्यालय के विकास, छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक प्रक्रियाओंं को लेकर पूरी तरह लापरवाह रहे हैं. जिसके कारण ही अगस्त माह शुरू होने के बावजूद जहां अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा अपने सत्र 2024-25 के लिए स्पोर्टस कैलेंडर जारी कर दिया गया है. वहीं अबतक एमयू में स्पोर्टस कैलेंडर जारी करने को लेकर कोई सुगबुगाहट तक नहीं दिख रही है. यह हाल तब है, जब खुद कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक माहौल के साथ उनमें खेलों के प्रति रूची बढ़ाने और उनकी प्रतिभा को निखाने के लिये खेल को लेकर सभी विश्वविद्यालय को गंभीर रहने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में एकेडमिक कैलेंडर के साथ स्पोर्टस कैलेंडर भी विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया जाता है. ताकि अंतर कॉलेज और अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा सके. साथ ही इसमें कॉलेज स्तर और विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में विद्यार्थी अपने खेल की प्रतिभा को निखार सकें. हलांकि एमयू प्रशासन द्वारा पिछले दो सालों से एकेडमिक कैलेंडर जारी करने का दावा तो कर रहा. लेकिन इसे खुद विद्यार्थियों के लिए ही सार्वजनिक नहीं किया जाता है. जिसके कारण ही विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर अबतक साल 2018-19 का ही एकेडमिक कैलेंडर दिख रहा है.अबतक जारी नहीं किया गया है स्पोर्टस कैंलेडर
बता दें कि साल 024-25 के लिए सूबे के अधिकांश विश्वविद्यालयों द्वारा अपना स्पोर्टस कैंलेडर जारी कर दिया गया है. लेकिन प्रोन्नति, आंदोलन और धरना प्रदर्शन में उलझा एमयू प्रशासन अबतक अपने विद्यार्थियों के लिए इस साल का स्पोर्टस कैंलेडर तक जारी नहीं किया गया है. ऐसे में एमयू के कॉलेजों में विभिन्न खेलों के टीम में शामिल खिलाड़ियों को भी चिंता सताने लगी है, क्योंकि जल्द ही अब कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपने यहां अंतर महाविद्यालय स्तरीय टूर्नामेंट का आयोजन भी शुरू कर दिया जायेगा. ऐसे में बिना आधारभूत सुविधाओं और कोच के एमयू के कॉलेज टीम के खिलाड़ियों के लिये दूसरे विश्वविद्यालयों के साथ खेलना काफी मुश्किल भरा होता है. वहीं सुविधाओं और अभ्यास के अभाव में ही एमयू की एक भी टीम अबतक विश्वविद्यालय स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में अंत तक नहीं टिक पाती है.कॉलेज भी नहीं लेते अंतर महाविद्यालय स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में
रूची
ऐसा नहीं है कि खेल को लेकर केवल मुंगेर विश्वविद्यालय ही पूरी तरह लापरवाह है, बल्कि खुद एमयू के कॉलेज भी खेलों में अधिक रूची नहीं लेते. जिसके कारण ही एमयू के अधिकांश कॉलेज अंतर महाविद्यालय स्तरीय खेल प्रतियोगिता में शामिल नहीं होते. कुल मिलाकर कहा जाये तो एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में केवल 6 से 7 कॉलेज ही अंतर महाविद्यालय स्तरीय खेल प्रतियोगिता में ही हिस्सा लेते हैं. हलांकि प्रत्येक साल एमयू द्वारा सभी कॉलेजों को अंतर महाविद्यालय स्तरीय खेल प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन इन 6 सालों में अबतक तो एमयू के कॉलेज इसे लेकर गंभीर नहीं हो पा रहे हैं.कहते हैं खेल अधिकारी
एमयू के खेल अधिकारी डॉ ओमप्रकाश ने बताया कि स्पोर्टस कैलेंडर जारी करने को लेकर तैयारी की जा रही है. कुछ वित्तीय मामलों को लेकर निर्णय लिया जा रहा है. जिसे लेकर स्पोर्टस काउंसिल की बैठक के बाद विश्वविद्यालय द्वारा स्पोर्टस कैलेंडर जारी कर दिया जायेगा.
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