दशलक्षण महापर्व के तहत मनाया गया उत्तम शौच धर्म
श्री दिगंबर जैन समाज की ओर से शहर के आजाद चौक स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन भवन के मंदिर में पार्युषण महापर्व बहुत ही भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है.
प्रतिनिधि, मुंगेर. श्री दिगंबर जैन समाज की ओर से शहर के आजाद चौक स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन भवन के मंदिर में पार्युषण महापर्व बहुत ही भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है. दशलक्षण महापर्व के चौथे दिन बुधवार को उत्तम शौच धर्म के रूप में मनाया गया. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर-नारी मौजूद थे. चौथे दिन बुधवार को उत्तम शौच धर्म पर विस्तार से चर्चा की गयी. जिसमें जैन धर्म के विद्धान ने कहा कि “उत्तम शौच लोभ परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी ” अर्थात् जिस व्यक्ति ने अपने मन को निर्लोभी बना लिया है. संतोष धारण कर लिया है. उसका जीवन परम शांति को उपलब्ध हो जाता है. सभी को अपने जीवन में जो भगवान ने दिया उसमे खुश रहना चाहिए. कभी भी किसी की बराबरी की नहीं सोचना चाहिए. सब अपने अपने कर्मो के हिसाब से होता है जो मिला उसी में अगर संतोष करले तो जीवन सफल हो जायेगा. लोभ ही पाप को जन्म देता है. जिसने लोभ को वश में कर लिया उसका जीवन सुखमय हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. प्रतिदिन की तरह बुधवार को प्रातः श्री दिगंबर जैन मंदिर में भगवान का पूजा प्राचल हुआ और फिर सभागार में भगवान शांतिनाथ भगवान का अभिषेक हुआ. जिसे बड़े धूमधाम से भक्ति व श्रद्धा के साथ सभी लोगों ने भगवान का अभिषेक किया मार्जिन किया. जैन धर्म के ज्ञान की वृद्धि हो इसके लिए एक धार्मिक अंतराक्षरी का भी आयोजन हुआ.
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