– सदर अस्पताल में वर्षों से बिना वेंटिलेटर के चल रहा 6 बेड का आईसीयू वार्ड
– पीकू वार्ड में धूल फांक रहा करोड़ों रुपये का 10 वेंटिलेटर– मात्र दो माह में ही आईसीयू वार्ड में 19 मरीजों की हो चुकी है मौत
मुंगेरलगभग 20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिले में कैसा सदर अस्पताल संचालित हो रहा है. यह अब यहां की व्यवस्थाओं को देख कर समझा जा सकता है. जहां सालों से 6 बेड का आईसीयू वार्ड बिना वेंटिलेटर के चल रहा है. जबकि करोड़ों रुपये का 10 वेंटिलेटर बिना उपयोगिता के पीकू वार्ड में धूल फांक रहा है. जबकि केवल दो माह में ही सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में 19 मरीजों की मौत हो चुकी है. नवंबर माह के केवल तीन दिनों में ही आईसीयू वार्ड में दो मरीजों की जान चली गयी.
बिना वेंटिलेटर के चल रहा आईसीयू वार्ड
कहने के लिए सदर अस्पताल में अति गंभीर मरीजों को बेहतर सुविधा देने को लेकर 6 बेड का आईसीयू वार्ड संचालित हो रहा है, लेकिन मुंगेर सदर अस्पताल का आईसीयू वार्ड सालों से सबसे महत्वपूर्ण उपकरण वेंटिलेटर के बिना ही चल रहा है. अब ऐसे में यहां भर्ती होने वाले अति गंभीर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का केवल अंदाजा लगाया जा सकता है. बता दें कि किसी भी आईसीयू वार्ड के लिये वेंटिलेटर का होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. जो अति गंभीर मरीजों के लिए लाइफ सर्पोट होता है.
पीकू वार्ड में धूल फांक रहा करोड़ों का वेंटिलेटर
ऐसा नहीं है कि सदर अस्पताल के पास वेंटिलेटर नहीं है. अस्पताल के पास 10 वेंटिलेटर हैं. जो फरवरी माह से ही 32 करोड़ की लागत से बने पीकू वार्ड में धूल फांक रहे हैं. बता दें कि 16 फरवरी को पीकू वार्ड का उद्धाटन होने के पूर्व अस्पताल प्रबंधन द्वारा यहां सभी 10 वेंटिलेटर लगाया गया था. जो अबतक मरीजों के लिये उपयोगी नहीं हो पा रहा है. हद तो यह है कि कोरोना काल के दौरान अस्पताल के कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन सालों बाद अब अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी वेंटिलेटर ऑपरेट करने की जानकारी नहीं होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
मात्र दो माह में आईसीयू वार्ड में 19 मरीजों की हो चुकी है मौत
सदर अस्पताल के बदहाल आईसीयू वार्ड में मात्र दो माह में ही 19 मरीजों की मौत हो चुकी है. जिसमें सितंबर माह में 11 मरीजों की मौत आईसीयू वार्ड में हुयी है. वहीं अक्तूबर माह में वार्ड में 8 मरीजों की मौत हुयी है. वहीं नवंबर माह के तीन दिनों में ही सदर अस्पताल के आईसीयू वार्ड में दो मरीजों की मौत हो चुकी है. जिसमें शुक्रवार एक नवंबर को 52 वर्षीय सविता देवी तथा 2 नवंबर को 65 वर्षीय तारणी रजक की मौत हो चुकी है.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि वेंटिलेटर चलाने की जानकारी कर्मियों को नहीं है. इसके लिये जल्द ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर इसकी जानकारी दी जायेगी. जिसके बाद आईसीयू वार्ड में सभी वेंटिलेटर को लगाया जायेगा. हलांकि जल्द ही मॉडल अस्पताल हैंडओवर हो जायेगा. जहां सभी प्रकार की सुविधाएं होगी.
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