वर्ल्ड हायपरटेंशन डे पर एनसीडी में लगाया गया विशेष शिविर

17 मई से 17 जून तक शिविर में हायपर टेंशन के कारणों व बचाव की दी जायेगी जानकारी मुंगेर . वर्ल्ड हायरपर टेंशन डे पर सदर अस्पताल के गैर संचारी

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 1:42 PM

17 मई से 17 जून तक शिविर में हायपर टेंशन के कारणों व बचाव की दी जायेगी जानकारी मुंगेर . वर्ल्ड हायरपर टेंशन डे पर सदर अस्पताल के गैर संचारी रोग विभाग द्वारा शुक्रवार को विशेष शिविर का आयोजन किया गया. जो 16 मई से 16 जून तक एनसीडी में संचालित होगा. शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा तथा एनसीडी पदाधिकारी डॉ के रंजन ने संयुक्त रूप से फीता काटकर शिविर का शुभारंभ किया गया. सिविल सर्जन ने बताया कि वर्तमान समय के भागदौड़ भरे जीवन में लोगो अनियमित खान-पान तथा कार्यकलाप के कारण हायपर टेंशन जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. जो समय के साथ गंभीर बीमारी बन जाती है. ऐसे में जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति हायपर टेंशन के कारणों व लक्षणों से अवगत रहे और सही समय पर इसका इलाज करा सके, ताकि बाद में इस बीमारी के गंभीर लक्षणों से बचा जा सके. सिविल सर्जन ने बताया कि इसे लेकर सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है. जहां लोगों के बीपी, सुगर आदि की जांच की जा रही है. एनसीडी पदाधिकारी ने बताया कि हाइपर टेंशन के के मुख्य कारण अधिक उम्र, ज्यादा वजन या मोटापा, डायबिटीज, फैमिली हिस्ट्री, फिजिकल एक्टीविटी न करना, तनाव व चिंता, धुम्रपान, शराब, अनहेल्दी डाइट, खाने में ज्यादा फैट और नमक का सेवन, कई तरह की दवा लेने और ट्यूमर या पुराने बीमारी के कारण है. इससे बचाव के लिये नियमित व्यायाम, फल व सब्जियों का सेवन, लाइफस्टाइल में बदलाव, वजन पर काबू पाने से होता है. जबकि इससे बचाव के लिये सबसे जरूरी है कि तंबाकू या शराब सहित फास्टफूड का सेवन न करें. उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन या हाई बीपी में धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है. हेल्थ गाइडलाइंस के मुताबिक 130/80 एमएम एचजी से ज्यादा रक्त का दबाव होने पर व्यक्ति हाइपरटेंशन या हाई बीपी की श्रेणी में आ जाता है. इससे सबसे ज्यादा नुकसान हार्ट यानी दिल को होता है. मौके पर सदर अस्पताल व एनसीडी के कर्मचारी मौजूद थे.

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