जमालपुर.मालदा रेल मंडल के जमालपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत काफी धीमी गति से कार्य किया जा रहा है. हाल यह है कि लगभग 6 महीना बीत जाने के बावजूद अबतक स्टेशन पर न तो इस योजना के तहत यात्रियों को विशेष सुविधा मिली है और न ही स्टेशन भवन के मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जमालपुर स्टेशन पर 11 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया था. जिसमें बताया गया था कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के मार्च तक इस योजना के प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन अप्रैल महीने के 20 दिन बाद भी अबतक एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है. स्टेशन योजना के तहत जमालपुर स्टेशन पर यात्री सुविधा का ख्याल रखते हुए एस्केलेटर लगाया जाना था. जिसके लिए रेलवे ओवरब्रिज तैयार हो चुका है. लेकिन इसमें न तो एस्केलेटर चालू हो पाया है और न ही प्लेटफार्म संख्या एक और दो तथा तीन पर लगने वाला लिफ्ट का कार्य ही आरंभ हो पाया है. वहीं बर्फ घर पुल या छोटी पुल को डिमोलिश कर वहां 12 मीटर चौड़े नए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना था. जिसे लेकर बर्फ घर का पुल या छोटी पुल को ही डिमोलिश नहीं किया जा सका है. इतना ही नहीं स्टेशन भवन के फसाड का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है और यह कार्य बीच में ही लटका पड़ा हुआ है. दूसरी तरफ स्टेशन के पोर्टिको का एक्सटेंशन कार्य भले ही आरंभ हो गया है, लेकिन अभी भी उसे पूरा होने में 2 से 3 महीने लगने की संभावना है. जबकि प्लेटफार्म संख्या एक स्थित द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय का जीर्णोद्धार कार्य आधार में लटका है. ऐसा ही हाल पूर्व के आरएमएस कार्यालय का है. जहां कार्य भी अभी जारी है. जबकि रेल अधिकारियों के लिए उपयोगी रिजर्व लॉन्ज का कार्य भी हाल फिलहाल चालू किया गया. जमालपुर स्टेशन पर ट्रेनों के स्मूथ ऑपरेशन के लिए आवश्यक बताए गए कमर्शियल बिल्डिंग का कार्य भी अपूर्ण है. यह हाल तब है, जब जमालपुर स्टेशन पर चल रहे कार्यों की धीमी गति को देखते हुए पिछले वर्ष मालदा मंडल के डीआरएम विकास चौबे ने कार्यकारी एजेंसी पर लाखों रुपए का जुर्माना ठोका था. जुर्माना ठोके जाने के बाद बीच में कुछ दिनों के लिए कार्य की गति दुरुस्त की गई थी, लेकिन उसके बाद फिर गति में शिथिलता आ गई है. अधिकारियों द्वारा बीच-बीच में यहां चल रहे कार्यों की समीक्षा की जाती है और वरीय अधिकारी जमालपुर पहुंचकर कार्यों का निरीक्षण भी करते हैं. बावजूद सूत्र बताते हैं कि कम से कम 3 से 4 महीने का विलंब हो सकता है.
कहते हैं अधिकारी