मुंगेर विश्वविद्यालय पर बढ़ रहा कार्यों का दवाब, नहीं बढ़ रही आधारभूत संचरनाएं
दो माह बाद भी अबतक जमीन अधिग्रहण को लेकर सरकार से स्वीकृति नहीं मिली है.
– नवंबर 2024 में ही एमयू के 20 एकड़ जमीन चयन कर स्वीकृति के लिये भेजा गया है सरकार के पास
मुंगेर———————
मुंगेर विश्वविद्यालय को 6 साल बाद भी जमीन मिलने की आस पूरी नहीं हो पा रही है. नवंबर 2024 में जिला प्रशासन द्वारा एमयू के लिये हवेली खड़गपुर अंचल के बिरजपुर मौजा में 20 एकड़ जमीन का चयन कर स्वीकृति के लिये सरकार के पास भेजा गया है, लेकिन दो माह बाद भी अबतक जमीन अधिग्रहण को लेकर सरकार से स्वीकृति नहीं मिली है. ऐसे में एमयू पर कार्यों और जिम्मेदारियों का दवाब बढ़ता जा रहा है.बढ़ रहा कार्यों का दवाब, नहीं बढ़ रही आधारभूत संचरनाएं
विश्वविद्यालय द्वारा साल 2022 में ही 20 पीजी विभाग आरंभ किया गया है. जो एमयू मुख्यालय के तीन कॉलेजों में संचालित हो रहा है. जबकि साल 2024 में विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की पढ़ाई भी आरंभ की गयी है. इतना ही नहीं सरकार से विश्वविद्यालय को सेंट्रलाइज परीक्षा केंद्र एवं उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन केंद्र तैयार करने का निर्देश दिया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा सेंट्रल लाइब्रेरी भी आरंभ किया गया है. जो वर्तमान में विश्वविद्यालय के एक कमरे में संचालित है. ऐसे में इन 6 सालों में एमयू के कंधों पर कार्यों के साथ जिम्मेदारियां बढ़ी है, लेकिन आधारभूत संरचना के नाम पर एमयू के पास 6 सालों से आरडी एंड डीजे कॉलेज में बना तीन मंजिला भवन ही है.जमीन अधिग्रहण की नहीं मिल पायी है स्वीकृति
जिला प्रशासन द्वारा नवंबर 2024 माह में ही हवेली खड़गपुर अंचल के बिरजपुर मौजा में 20 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया. जिसके अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सरकार को पत्र भी भेजा गया. जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के परिसर व भवन निर्माण के लिये बिरजपुर मौजा थाना संख्या-10 से संबंधित कुल रकबा 20 एकड़ 6.221 डिसमिल रैयती भूमि को बिहार सतत निति 2014 के तहत अधिग्रहण के लिये चिन्हित किया गया है. जिसमें कुल 22 रैयतों की भूमि है. इस भूमि का एमभीआर (बाजार मूल्य आधारित) के अनुसार कृषि द्वितीय क्षेणी की भूमि का अनुमानित मूल्य 6,200 रुपये प्रति डिसमिल के दर से कुल 4 करोड़ 97 लाख 54 हजार 281 रुपये आंकी गयी है. जिला प्रशासन द्वारा इस भूमि को सतत लीज निति 2014 के तहत अधिग्रहण करने की अनुशंसा की गयी है, लेकिन अबतक सरकार से एमयू के लिए चयनित जमीन अधिग्रहण को लेकर स्वीकृति नहीं मिल पायी है.
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