अब वृद्ध, महिलाओं और बच्चों को एफआइआर दर्ज कराने के लिए थाना पहुंचने की जरूरत नहीं

पूरे देश में सोमवार से तीन नये आपराधिक कानून लागू हो गये. जिसका प्रशिक्षण भी सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को दे दिया गया है. जबकि अपने नियमित कार्य के दौरान पुलिस अधिकारी व कर्मी नये कानून को और अधिक से सीख सकेंगे. ये बातें सोमवार को तीन नये कानून को लेकर कोतवाली थाना में आयोजित कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने कही

By Prabhat Khabar News Desk | July 1, 2024 11:17 PM

मुंगेर. पूरे देश में सोमवार से तीन नये आपराधिक कानून लागू हो गये. जिसका प्रशिक्षण भी सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को दे दिया गया है. जबकि अपने नियमित कार्य के दौरान पुलिस अधिकारी व कर्मी नये कानून को और अधिक से सीख सकेंगे. ये बातें सोमवार को तीन नये कानून को लेकर कोतवाली थाना में आयोजित कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने कही. इस दौरान उन्होंने तीन नये कानून की विस्तृत जानकारी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को दी. इधर, नये आपराधिक कानून को लेकर मुंगेर जिले के सभी थानों में कार्यशाला का आयोजन किया गया.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब ब्रिटिश काल से चले आ रहे भारतीय दंड संंहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 प्रभावी होगा. नये कानून के तहत अब वृद्ध, महिलाओं और बच्चों को एफआइआर दर्ज कराने के लिए थाना पहुंचने की जरूरत नहीं होगी. महिलाएं या वृद्ध फोन कर जहां बुलाएंगे पुलिस वहां पहुंच कर एफआईआर दर्ज करेगी. महिला अपराध की स्थिति में 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से उसकी मेडिकल जांच की जायेगी. जबकि डॉक्टर को सात दिन के अंदर दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल रिपोर्ट जांच अधिकारी के पास भेजना अनिवार्य होगा. जमीन संबंधी विवाद में संगठित अपराध सामने आने पर पुलिस कार्रवाई करेगी.

क्या है तीन नये कानून

ईएफआइआर का प्रावधान : नागरिक अब घटनास्थल या कहीं अन्य स्थान से भी एफआइआर दर्ज करा सकेंगे. नये कानून में ईएफआइआर का भी प्रावधान किया गया है. अब लोग ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से भी ईएफआइआर दर्ज करा सकेंगे. ऐसे मामले में आवेदक को 3 दिन के अंदर थाना में उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना होगा. एफआइआर दर्ज होने के बाद पीड़ित एक प्रति प्राप्त कर सकेंगे. एफआइआर के 90 दिन के अंदर पुलिस द्वारा पीड़ित को जांच की प्रगति के बारे में सूचित करना अनिवार्य होगा. अब क्राइम होने पर थाना क्षेत्र का विवाद भी नहीं रहेगा. घटनास्थल से जो भी नजदीकी थाना होगा, वहां जीरो एफआइआर दर्ज होगा. पुलिस जीरो एफआइआर दर्ज कर संबंधित थाना को भेजेगी. जहां सीसीटीएनएस पर एफआइआर दर्ज होगा.

जमालपुर. एक जुलाई से देश में नया आपराधिक कानून लागू कर दिया गया है. इसको लेकर सोमवार को क्षेत्र के सभी पुलिस थाना में आमजनों के साथ पुलिस ने बैठक की. जमालपुर थाना में बैठक की अध्यक्षता एसडीपीओ राजेश कुमार ने की. उन्होंने नये आपराधिक कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मौके पर कैलाश सिंह, मुकेश शर्मा, रोहित सिंह, जुम्मन आलम, इंद्रदेव दास, मो. मुकीम आदि मौजूद थे. वहीं ईस्ट कॉलोनी में बैठक की अध्यक्षता थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने की. जहां बबलू पासवान, बासुदेवपुरी मौजूद थे.

भारतीय न्याय संहिता 2023-

एसपी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में सभी तरह के अपराध को परिभाषित करते हुए अपराध के अनुरूप सजा को परिभाषित किया गया है. सभी तरह के अपराध इसी संहिता के तहत अब दर्ज होंगे.

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 –

में किस क्राइम में कैसे एफआइआर करना है, कैसे छापेमारी करनी है, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कोर्ट में कैसे प्रक्रिया अपनानी है इसकी जानकारी दी गयी है. पुलिस की कार्यशैली को पारदर्शी बनाने के लिए छापेमारी के दौरान वीडियोग्राफी का प्रावधान किया गया है.

भारतीय साक्ष्य अधिनियम

: इसमें अपराध के बाद साक्ष्य कैसे एकत्रित करना है, उसे कैसे संरक्षित रखना है इसकी जानकारी है. साक्ष्य संकलन के लिए जिला में एक एफएसएल की टीम नियुक्त हो गयी है. जो घटना के बाद साक्ष्य का संकलन वैज्ञानिक तरीके से करेगी. अबतक गंभीर अपराध होने की स्थिति में भागलपुर से एफएसएल की टीम को बुलाना पड़ता था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version