भागलपुर: नगरपालिका चुनाव को लेकर अभ्यर्थी शहरों में स्थानीय प्राधिकार से उपलब्ध कराये गये स्थानों पर अपने प्रचार के उद्देश्य से भुगतान के आधार पर बैनर पोस्टर लगा सकेंगे. स्थानीय प्राधिकार की ओर से वैसे स्थलों को विस्तारित (एक्सपेंड) नहीं किया जायेगा. शहरी निकाय में अभ्यर्थियों को प्रचार-प्रसार करने के लिए समान अवसर देने का निर्देश राज्य निर्वाचन आयोग ने दिया है. प्रचार-प्रसार के लिए उपलब्ध स्थलों का सभी अभ्यर्थियों के बीच समानुपातिक रूप से या पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्थलों का आवंटन हो सकेगा.
नगरपालिका निर्वाचन के अवसर पर अभ्यर्थियों व उनके समर्थकों द्वारा सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों के भवनों, दीवारों व चहारदीवारी पर पोस्टर चिपकाने पर रोक लगा दी गयी है. बिहार संपत्ति विरूपण अधिनियम के अनुसार कोई प्रत्याशी या उसके समर्थक निजी भवनों पर भी पोस्टर नहीं चिपकायेंगे. निजी भवनों पर भी उसके स्वामी के नाम व पते के अतिरिक्त कुछ भी लिखना संपत्ति के विरूपण के दायरे में आयेगा. कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर को मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा, जिसके मुख्य भाग पर मुद्रक और उसके प्रकाशक के नाम और पते नहीं हों. हाथ से इसकी प्रतियों को तैयार करने के अलावा दस्तावेज की अनेकानेक प्रतियां बनाने की किसी भी प्रक्रिया को मुद्रण माना जायेगा.
निर्देशों का उल्लंघन करने पर छह माह की कारावास या दो हजार रुपये के जुर्माने या दोनों का दंड भुगतना होगा. किसी सरकारी भवन, दीवार व चहारदीवारी पर अभ्यर्थी व उनके समर्थकों द्वारा किसी तरह का पोस्टर या सूचना नहीं चिपकाया जायेगा. किसी तरह का नारा नहीं लिखा जायेगा. किसी तरह का बैनर या झंडा नहीं लटकाया जायेगा. कोई होर्डिंग, गेट, तोरणद्वार या कटआउट नहीं लगाया जायेगा. कोई अभ्यर्थी या उसका समर्थक प्रतिबंधों के अधीन अस्थायी और आसानी से हटाने योग्य ध्वज और बैनर को ऑनर की अनुमति के साथ निजी परिसरों में लगाया जा सकता है. अनुमति किसी दबाव या धमकी से हासिल नहीं करना चाहिए. इस तरह के बैनर या ध्वज से दूसरों को कोई परेशानी या किसी प्रकार का व्यवधान न हो. इस संबंध में लिखित रूप से प्राप्त स्वैच्छिक अनुमति की फोटो कॉपी ध्वज और बैनर लगाने के तीन दिनों में निर्वाची पदाधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी.