नगर निकाय चुनाव: अखबार व चैनल में प्रचार के लिए लेनी होगी अनुमति, चुनावी खर्च भी जुड़ेगा विज्ञापन का पैसा
Bihar Municipal elections- स्थानीय समाचार चैनलों व सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यर्थी द्वारा चुनाव प्रचार-प्रसार पर किया गया खर्च उनके कुल खर्च में सम्मिलित किया जायेगा. इनके माध्यम से प्रचार-प्रसार निर्वाची पदाधिकारी की अनुमति के बाद ही किया जा सकता है.
पटना. नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए उपलब्ध स्थलों का सभी अभ्यर्थियों के बीच समानुपातिक रूप से एवं ‘‘पहले आओ, पहले पाओ’’ के आधार पर स्थलों का आवंटन सुनिश्चित किया जायेगा. स्थानीय समाचार चैनलों व सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यर्थी द्वारा प्रचार-प्रसार पर किया गया खर्च उनके कुल खर्च में सम्मिलित किया जायेगा. इनके माध्यम से प्रचार-प्रसार निर्वाची पदाधिकारी की अनुमति के बाद ही किया जा सकता है. पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि अभ्यर्थियों को प्रचार-प्रसार करने के लिए समान अवसर मिलने चाहिए.
अनुमति के बाद झंडा और बैनर लगा सकेंगे अभ्यर्थीपटना डीएम ने कहा है कि कोई भी अभ्यर्थी या उसका समर्थक प्रतिबंधों के अधीन रहते हुए अस्थायी और आसानी से हटाये जाने योग्य विज्ञापन सामग्री जैसे झंडा और बैनर को निजी परिसरों में उसके मालिक की स्वैच्छिक अनुमति के साथ लगाया जा सकता है. इस संबंध में लिखित रूप से प्राप्त स्वैच्छिक अनुमति की फोटो कॉपी झंडा और बैनर लगाने के तीन दिनों के अंदर निर्वाची पदाधिकारी को सौंपनी होगी. निजी संपत्ति के स्वामी के लिखित अनुमति के बगैर अभ्यर्थी या उसके समर्थक द्वारा निजी संपत्ति का उपयोग प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जा सकता है.
तो संपत्ति बिगाड़ने पर कार्रवाई
डीएम ने कहा कि नगरपालिका आम निर्वाचन, 2022 के अवसर पर अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थकों को सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों के भवनों, दीवारों, चहारदीवारी आदि को पोस्टर इत्यादि चिपका कर उसका रूप बदलने से रोका जायेगा. बिहार संपत्ति विरूपण अधिनियम के अनुसार कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक निजी भवनों का रूप बिगाड़ नहीं सकते हैं. इस कानून की धारा 3 के मुताबिक निजी भवनों पर भी उसके स्वामी के नाम एवं पते के अतिरिक्त कुछ भी लिखा जाना संपत्ति के रूप को बिगाड़ना माना जायेगा. डीएम ने कहा है कि निर्वाचन में अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए किसी भी सरकारी या सरकार के उपक्रमों के भवन, दीवार तथा चहारदीवारी पर अभ्यर्थी तथा उनके समर्थकों द्वारा किसी तरह का पोस्टर सूचना नहीं चिपकाया जायेगा. किसी तरह का नारा नहीं लिखा जायेगा. किसी तरह का बैनर अथवा झंडा नहीं लटकाया जायेगा. अभ्यर्थियों, उनके समर्थकों द्वारा कोई होर्डिंग, गेट, तोरण द्वार अथवा कट-आउट नहीं लगाया जायेगा.
अनुमति के बाद झंडा और बैनर लगा सकेंगे अभ्यर्थी
पटना डीएम ने कहा है कि कोई भी अभ्यर्थी या उसका समर्थक प्रतिबंधों के अधीन रहते हुए अस्थायी और आसानी से हटाये जाने योग्य विज्ञापन सामग्री जैसे झंडा और बैनर को निजी परिसरों में उसके मालिक की स्वैच्छिक अनुमति के साथ लगाया जा सकता है. इस संबंध में लिखित रूप से प्राप्त स्वैच्छिक अनुमति की फोटो कॉपी झंडा और बैनर लगाने के तीन दिनों के अंदर निर्वाची पदाधिकारी को सौंपनी होगी. निजी संपत्ति के स्वामी के लिखित अनुमति के बगैर अभ्यर्थी या उसके समर्थक द्वारा निजी संपत्ति का उपयोग प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जा सकता है.
मतदान समाप्ति के बाद पोस्टर – बैनर को हटाना होगा
अभ्यर्थी द्वारा प्रचार-प्रसार के क्रम में पोस्टर, बैनर, पर्ची, पम्प्लेट इत्यादि को मतदान समाप्ति के 48 घंटा पहले तक लगाया जायेगा. इन्हें अभ्यर्थी द्वारा मतदान समाप्ति के 72 घंटे के अंदर हटा लिया जाना अनिवार्य होगा. अगर अभ्यर्थी द्वारा इस समय तक नहीं हटाया जाता है तो उसे स्थानीय प्रशासन द्वारा हटाने की कार्रवाई की जायेगी, जिसमें होने वाला खर्च अभ्यर्थी से वसूल किया जायेगा. साथ ही उल्लंघन करने वाले अभ्यर्थियों और उनके समर्थकों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. निर्वाची पदाधिकारियों द्वारा इस संबंध में अभ्यर्थियों से एक लिखित अंडरटेकिंग भी ली जायेगी.
डीएम ने कहा कि निर्देश
स्थानों पर अपने प्रचार के उद्देश्य से, भुगतान के आधार पर, बैनर-पोस्टर लगाये जा सकते हैं. लेकिन स्थानीय प्राधिकार द्वारा इन स्थलों को विस्तारित नहीं किया जायेगा. निजी वाहनों के मालिक द्वारा वाहनाें पर अपनी इच्छा से ध्वज और स्टिकर इस तरह से लगाये जा सकते हैं कि वे सड़क पर अन्य उपयोगकर्त्ता के लिए किसी भी असुविधा या परेशानी का कारण नहीं बने