बिहार में दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण, पटना में मुरादपुर और राज्य में बेगूसराय रहा सबसे प्रदूषित
बेगूसराय का एक्यूआइ सबसे अधिक 338 रहा. इसके अलावा छपरा, समस्तीपुर, बेतिया और सीवान का एक्यूआइ 300 के पार दर्ज किया गया. इन सभी स्थानों पर वायु प्रदूषण बढ़ने की मूल वजह हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म और अति सूक्ष्म धूल कणों की मात्रा का बढ़ना रहा.
पटना. कभी गैस चैंबर समझे जाने वाले दिल्ली की स्थिति प्रदूषण के मामले अब बिहार से काफी बेहतर हो गयी है. शनिवार शाम चार बजे दिल्ली में जहां औसत एक्यूआइ 184 था, वहीं पटना में यह आंकड़ा 279 रहा. पटना में शनिवार को सबसे प्रदूषित इलाका मुरादपुर (गांधी मैदान से अशोक राजपथ का क्षेत्र) रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रात दस बजे के आंकड़ों के मुताबिक यहां का एक्यूआइ लेबल 389 (बहुत खराब की श्रेणी) दर्ज किया गया. मेट्रो और डबल डेकर पुल बनने के कारण इस इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. डीआरएम कार्यालय के पास का एक्यूआइ 268 था. यहां वायु प्रदूषण का मुख्य कारण पीएम2.5 था. पटना सिटी इलाके का एक्यूआइ 230 था. तारामंडल के पास का एक्यूआइ 242 दर्ज किया गया, तो राजवंशी नगर में एक्यूआइ 210 और समनपुरा इलाके में एक्यूआइ 298 रहा.
300 के पार रहा कई शहरों का एक्यूआइ
शनिवार को बिहार के पांच शहरों का एक्यूआइ 300 के पार रहा. इस प्रकार इन शहरों की हवा बेहद खराब रही. इनमें बेगूसराय का एक्यूआइ सबसे अधिक 338 रहा. इसके अलावा छपरा, समस्तीपुर, बेतिया और सीवान का एक्यूआइ 300 के पार दर्ज किया गया. इन सभी स्थानों पर वायु प्रदूषण बढ़ने की मूल वजह हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म और अति सूक्ष्म धूल कणों की मात्रा का बढ़ना रहा. इसकी वजह दोपहर में चलने वाली तेज हवाएं भी रहीं, जिससे धूल कण उड़कर न केवल दूर तक गये, बल्कि हवा में देर तक तैरते रहकर एक्यूआइ को बढ़ा दिया. बेगूसराय में एक्यूआइ बढ़ने की वजह बरौनी रिफाइनरी से निकलने वाले धुएं और प्रदूषणकारी पदार्थ भी रहे, जिससे हवा में ब्लैक कार्बन की मात्रा बढ़ गयी और वातावरण बहुत प्रदूषित हो गया.
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शनिवार को शहर -एक्यूआइ
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बेगूसराय- 338
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छपरा-314
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समस्तीपुर-308
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बेतिया-307
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सिवान- 302