चौसा/पुरैनी (मधेपुरा). हत्या के विरोध में मृतका के परिजनों व समाज के लोगों ने करीब पांच घंटे तक एसएच 58 को जाम करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. लोगों ने जाम हटाने आये पुलिस की टीम पर हमला कर दिया. इनलोगों को लाठी व डंडे से दौड़ा-दौडा कर पीटा और दारोगा का पिस्टल छीन लिया. इसमें दो दारोगा व एक पुलिस का जवान जख्मी हो गये. जख्मी पुलिस कर्मी में एसआइ श्रवण कुमार, एएसआइ विनय शंकर प्रसाद और सिपाही ऋंकर कुमार शामिल हैं.
थानाध्यक्ष को निलंबित करने की मांग
इस दौरान परिजनों ने मृतका के शव को एसएच 58 बीच सड़क पर रख कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया. लोग थानाध्यक्ष को निलंबित करने की मांग कर रहे थे. मालूम हो कि चौसा थाना अंतर्गत कलासन में एक कलयुगी पुत्र ने अपनी मां की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी और पिता को मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया था.
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पीएचसी से हुआ फरार
परिजनों व आक्रोशितों का कहना था कि जब समाज द्वारा हत्या के मामले में संलिप्त पुत्र को चौसा थाना को सौंपा गया, तो पुलिस ने उस से सांठ-गांठ कर उसे छोड़ दिया. इसकी वजह से वह पुलिस की पकड़ से दूर होकर समाज के लोगों को धमकाने लगा कि जिस-जिस ने भी उसे पुलिस के हवाले किया है. उन सभी को जान से मार देगा. हालांकि, पुलिस का कहना है कि जब अभियुक्त पुत्र को पकड़ा गया था, तो उसको चोट लगी थी. इसकी वजह से उसे चौसा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां से वह चौकीदारों की नजरों से बचते हुए फरार हो गया.
क्या कहते हैं डीएसपी
उदाकिशनगंज डीएसपी सतीश कुमार ने कहा कि पुलिस के हिरासत रखे गये अनिल साह को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौसा में इलाज के लिए दो थाने के चौकीदार को प्रतिनियुक्त किया गया था. इसे तत्काल सस्पेंड किया जा रहा है और उसके ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. कहा कि पुलिस बल के साथ मारपीट करने के मामले को लेकर अज्ञात सहित नामजद दौ सौ से अधिक लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.
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पांच घंटे बाद समाप्त हुआ जाम
इधर, पांच घंटे तक हुए सड़क जाम की सूचना मिलते ही उदाकिशुनगंज के अनुमंडल पदाधिकारी एसजेड हसन, एसडीपीओ सतीश कुमार सहित बिहारीगंज व पुरैनी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और काफी समझाने एवं मान मनोव्वल और मशक्कत के बाद जाम तुड़वाया. इस घटना में संलिप्त मृतका की बहू को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया. हंगामे के दौरान दारोगा श्रवण कुमार की पिस्टल लूट ली गयी थी. इसे देर शाम ग्रामीणों ने जमा कर दिया.
पहले भी हो चुका है पुलिस पर हमला
मधेपुरा जिले में पहले भी पुलिस पर हमला हो चुका है. इसी वर्ष जून माह में एक भूमि विवाद सुलझाने गई पुलिस टीम पर मधेपुरा जिले के वीरगांव चतरा पंचायत में एक पक्ष के लोगों ने हमला कर दियाथा. इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और पुलिस गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया. बुरी तरह पिटाई होने से एएसआई राजू महतो पुलिस गाड़ी में ही बेहोश हो गये थे. उपद्रवियों ने इस दौरान पुलिस का हथियार छीनने का भी प्रयास किया था. अरार ओपी के एएसआई राजूमहतो के बयान पर तीन महिला सहित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
क्या था मामला
घटना के संबंध में बताया गया कि वीरगांव चतरा पंचायत के चतरा गांव में दो पक्षों के बीच जमीन विवाद है. पुलिस को सूचना मिली कि विवादित जमीन पर एक पक्ष के लोग ट्रैक्टर चला रहे हैं. सूचना के बाद अरार ओपी पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैक्टर को कब्जे में लेकर वापस लौटने लगी. इसी दौरान दो दर्जन लोगों ने लाठी, डंडा, रॉड, दबिया और अवैध हथियार के साथ पुलिस गाड़ी को रोक लिया. गाली-गलौज करने के साथ ही वे लोग मारपीट करने पर उतारू हो गए. पुलिस के अनुसार जान मारने की नीयत से उनपर अवैध हथियार से फायरिंग भी की गई. वाहन के अंदर किसी तरह उन लोगों ने जान बचाई.