Murder In Patna Court News: बिहार के दानापुर कोर्ट कैंपस में शुक्रवार को बेऊर जेल से पेशी के लिए लाए गए एक कुख्यात की हत्या कर दी गयी. पटना जिले के टॉप 20 अपराधियों की सूची में शामिल 27 साल के अभिषेक कुमार उर्फ छोटे सरकार की हत्या फिल्मी स्टाइल में गोली मारकर कर दी गय. दो हमलावरों ने कोर्ट परिसर के अंदर ही उसके ऊपर करीब 6 राउंड गोली चलायी जिसमें 4 गोली अभिषेक को लगी और उसकी मौत हो गयी. कोर्ट परिसर में हत्या की इस घटना से अफरातफरी मच गयी. कुख्यात अभिषेक को पेशी के लिए लेकर जा रहे पुलिसकर्मी भी थोड़ी देर के लिए अवाक रह गए. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने सीटी एसपी वेस्ट को इस घटना की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि कोर्ट परिसर में हमले और हत्या की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई घटना हो चुकी है. इस साल की बात करें तो तीन ऐसी घटनाएं घट चुकी है.
दानापुर कोर्ट कैंपस में शुक्रवार को ताबड़तोड़ गोली चली. दो बदमाशों ने मिलकर कुख्यात अभिषेक उर्फ छोटे सरकार की हत्या गोली मारकर कर दी. अभिषेक को कोर्ट हाजत से लेकर पुलिसकर्मी पेशी के लिए कोर्ट लेकर जा रहे थे. इसी दौरान भीड़ से बाहर आकर दो युवकों ने उसपर ताबड़तोड़ गोली चला दी. पुलिस ने दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया. हमला करने वालों में एक समरजीत कुमार है जो मुजफ्फरपुर का रहने वाला है और पेशेवर अपराधी है. जबकि दूसरा अपराधी नाबालिग है और उसका अभी तक कोई अपराधिक इतिहास पुलिस को नहीं मिला है. वहीं कोर्ट परिसर में हत्या की इस घटना से सनसनी फैली हुई है.
कोर्ट परिसर में हमले की ये पहली घटना नहीं है. कुछ महीने पहले भी 26 अगस्त को समस्तीपुर कोर्ट परिसर में पेशी के लिए आए शराब तस्कर पर फायरिंग की गयी. हमलावरों ने शराब तस्कर प्रभात चौधरी पर ताबड़ातेड़ फायरिंग की थी. इस हमले में प्रभात तिवारी नाम का भी एक बंदी जख्मी हो गया था. दोनों ने हाजत की ओर भागकर अपनी जान बचायी थी. जबकि फायरिंग के बाद कोर्ट परिसर में भगदड़ मच गया था. दोनों बदमाश फायरिंग करते हुए आसानी से पैदल ही मौके पर से भाग निकले थे.
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इससे पहले 28 मार्च 2023 को सहरसा में कोर्ट परिसर के अंदर गोलीबारी की गयी थी. कोर्ट में पेशी के बाद जज के चेंबर से बाहर निकल रहे बंदी प्रभाकर कुमार (22) की हत्या गोली मारकर कर दी गयी थी. इस घटना से कोर्ट परिसर में अफरातफरी मच गयी थी. आर्म्स एक्ट और हत्या को लेकर प्रभाकर के खिलाफ केस दर्ज था. पुलिस उसे पेशी के लिए कोर्ट लेकर आयी थी. सुनवाई के बाद जब उसे जेल ले जाने के लिए बाहर लेकर पुलिस निकली तो घात लगाए बेखौफ अपराधियों ने उसपर ताबड़तोड़ गोली दाग दी थी. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी थी. वहीं पुलिस ने मौके पर से भाग रहे अपराधी आलोक कुमार को खदेड़कर पकड़ लिया था.
कुछ साल पहले वर्ष 2018 में सीतामढ़ी के कोर्ट परिसर में कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा की हत्या गोली मारकर कर दी गयी थी. दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में सुनवाई के लिए पेशी को लेकर उसे कोर्ट लाया गया था. जहां हमलावरों ने उसे निशाना बनाया था और गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. उत्तरी बिहार का आतंक बन चुके संतोष झा की हत्या से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया था.
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वर्ष 2019 में दानापुर कोर्ट के कैंपस में गोलीबारी हुई थी. जब पेशी पर आए अपराधी मेराज को उसके साथियों ने भगाने की कोशिश की. इस दौरान हथकड़ी समेत बदमाश पुलिस अभिरक्षा से फरार होने लगा. जब उसका पीछा पुलिस ने किया तो सिपाही प्रभाकर की हत्या गोली मारकर इन बदमाशों ने कर दी थी. सिपाही गोली लगने के बाद बुरी तरह जख्मी हो गए थे लेकिन उसके बाद भी साथी सिपाही की मदद से बदमाश को दबोचा था. जख्मी सिपाही प्रभाकर ने दम तोड़ दिया था.
कोर्ट परिसर में हत्या की कई और घटनाएं हैं. वर्ष 2015 में आरा कोर्ट में कुख्यात लंबू शर्मा व अखिलेश उपाध्याय बम विस्फोट के बाद फरार हो गये थे. इस मामले में बम से घायल एक सिपाही की मौत हो गयी थी. जबकि वर्ष 2017 की एक घटना बाढ़ कोर्ट में हुई थी. जहां गुड्डु सिंह की हत्या कर दी गयी थी. वहीं अब 15 दिसंबर 2023 को दानापुर कोर्ट में बंदी की हत्या के बाद पटना एसएसपी ने जांच करने का निर्दश दिया है कि कोर्ट परिसर में बदमाश हथियार लेकर कैसे प्रवेश कर गये? कैसे घटना हुई और पता लगाने कहा गया है कि क्या इसमें किसी की लापरवाही तो नही है?