बिहार: ‘INDIAN’ नाम से बाइक चोरों का गैंग बनाया फिर पुलिस का बन गया खबरीलाल! एक हिस्ट्रीशीटर का ऐसे हुआ अंत..

Bihar Crime News: मुजफ्फरपुर में हिस्ट्रीशीटर भोला राय की हत्या कर दी गयी. भोला राय ने खुद का नाम इंडियन रख लिया था और बाइक चोरों का एक गैंग तैयार कर लिया था जिसका नाम उसने इंडियन गैंग रखा था. भोला राय पुलिस का भी मुखबीर बन गया. उसकी अब हत्या कर दी गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2023 1:50 PM

Bihar Crime News: मुजफ्फरपुर में हिस्ट्रीशीटर राजीव कुमार उर्फ भोला राय को सरेआम उसके घर पर चढ़कर दो शूटरों ने गोलियों से भून डाला. भोला राय अपराध की दुनिया में इस कदर आगे बढ़ता गया कि उसके अनेकों दुश्मन अब बन चुके थे. उसकी कहानी भी बिल्कुल फिल्मी है. उसने अपना नाम इंडियन रख लिया था. इंडियन एक दशक पहले राजीव कुमार उर्फ भोला राय के नाम से जाना जाता था. वर्ष 2012-13 में उसने बाइक चोरी का एक गैंग बनाया. जिसे इंडियन नाम दिया. बाद में इस नाम से वह खुद पहचाने जाने लगा.

बाइक काटकर नेपाल में खपाता था इंडियन

खबड़ा के आदर्श नगर से पहली बार उसकी गिरफ्तारी हुई थी. चोरी की बाइक को काटकर वह उसे नेपाल में खपाने का काम करता था. तत्कालीन सदर थाना के प्रभारी ने उसे पकड़कर न्यायिक हिरासत में भेजा था.जेल में कई बदमाशों से उसकी मुलाकात हुई तो कई से अच्छी दोस्ती हो गयी. जब जेल से वह निकला तो रंगदारी मांगने का आरोप लगा़. इस बीच लूटपाट और छितनई की घटना में यह वांटेड रहा. पुलिस लगातार इसे खोजती रही लेकिन वह फरार रहा.

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शराबबंदी के बाद शराब तस्करी से जुड़ा

वर्ष 2016 में सूबे में शराबबंदी हुई, जिसमें इंडियन शराब की तस्करी और मुख्य धंधेबाज को सुरक्षा देने लगा और खुद भी शराब का धंधा भी शुरू कर लिया. थाने में इसे लेकर केस भी दर्ज है. शराब धंधे से मिले राशि से खुद को स्थापित करने लगा और कच्ची पक्की, अतरदह, माधोपुर, सुस्ता, रतवारा आदि इलाके में जमीन का काम करने लगा.

पुलिस से जुड़ बन गया खबरी लाल

इधर, इंडियन अब पुलिस का भी अवैध तरीके से सहयोगी बन गया. अपराधियों की जानकारी वह पुलिस को देने लगा. कई पुलिस अधिकारी का खास खबरी लाल भी भोला राय तब बना रहा. हाल के दिनों में सदर थाना के एक दारोगा का भी वह बहुत चहेता बन गया था. हालांकि उक्त दारोगा के तबादले के बाद से उसकी चलती थाने पर कम हो गयी थी.

श्राद्ध कर्म में मारी थी युवक को गोली

सदर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर ने उसे एक बार थाना से डांट फटकार कर भगा दिया था. जिसके बाद वह अपने ही मोहल्ले में श्राद्ध कर्म के दौरान एक युवक को पैर में गोली मार दी और फरार हो गया. पुलिस की निकटता की वजह से वह गिरफ्तारी से बचता रहा.

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