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बिहार के इस मुसहर टोले में पहली बार किसी ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, अंधेरे टोले में जला ज्ञान का दीया

रामशंकर ने आखिरकार 70 साल से देखा जा रहा सपना आज पूरा कर दिया. रामशंकर ने सेकेंड डिवीजन में मैट्रिक की परीक्षा पास की है. उसे कुल 500 में से 287 अंक हासिल हुए हैं. गोपालपुर मुसहर टोले में उसका सम्‍मान बिहार टॉपर से कम नहीं हो रहा है.

बिक्रमगंज (रोहतास). रोहतास जिले के बिक्रमगंज के गोपालपुर मुसहर टोला में पहली बार किसी ने मैट्रिक पास की है. आजादी से अब तक इस दिन का इंतजार यहां के लोग कर रहे थे. रामशंकर ने आखिरकार 70 साल से देखा जा रहा सपना आज पूरा कर दिया. रामशंकर ने सेकेंड डिवीजन में मैट्रिक की परीक्षा पास की है. उसे कुल 500 में से 287 अंक हासिल हुए हैं. गोपालपुर मुसहर टोले में उसका सम्‍मान बिहार टॉपर से कम नहीं हो रहा है. वह पूरे टोले के लिए गर्व बन गया है. रामशंकर की उपलब्धि से न केवल उसका परिवार बल्कि पूरा टोला आज गर्व कर रहा है. रामशंकर के पिता की इच्‍छा है कि उनका बेटा रामशंकर पढ़-लिखकर बड़ा अफसर बने और नाम रोशन करे.

रामशंकर ने रच दिया इतिहास

बिहार 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 31 मार्च को निकला. लाखों छात्र-छात्राओं की तरह रामशंकर को भी परीक्षा पास होने की उम्मीद थी. पूरे टोले को रिजल्ट का इंतजार था. स्‍वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही गोपालपुर मुसहर टोले में किसी ने मैट्रिक की परीक्षा पास नहीं की थी. पहली बार किसी इस टोले का कोई 10वीं की परीक्षा पास की है. रामशंकर ने मैट्रिक परीक्षा पास होकर नया इतिहास बना दिया.

वो अपने आप में टॉपर है

रामशंकर के पिता आज भी चूहा मार कर खाते हैं और नाली साफ कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. झुग्गी-झोपड़ियों के बीच बोरे पर बैठकर पढ़ाई करने वाला रामशंकर को वैसे तो मात्र 287 अंक मिले हैं, लेकिन 100 से अधिक घरवाले गोपालपुर मुसहर टोले के लिए वो अपने आप में टॉपर है. रामशंकर पहला लड़का है, जो आजादी के बाद मैट्रिक की परीक्षा पास कर अपने टोले का नाम रोशन किया है. गोपालपुर मुसहर टोला में आज तक कोई मैट्रिक पास नहीं किया था.

घर में आज भी नहीं है बिजली का कनेक्शन

हाई स्कूल बिक्रमगंज में पढ़ाई कर रामशंकर ने यह सफलता पायी है. उसके झुग्गी-झोपड़ी में बिजली का कनेक्शन नहीं है, ऐसे में बिना बिजली-बत्ती के रामाशंकर ने पढ़ाई पूरी कर मिसाल पेश की है. रामशंकर के पिता मैन मुसहर इस विषम परिस्थिति में भी अपने बच्चे को मैट्रिक की परीक्षा पास करता देख वह काफी खुश हैं. वह अपने बच्चे को पढ़ा लिखाकर कलेक्टर बनाना चाहते हैं. मैन मुसहर कहते हैं कि उनके लिए यह एक सपना पूरा होने के समान है. वह अपने बेटे को अफसर बनाना चाहते हैं, ताकि कई पीढ़ियों से गरीबी और सामाजिक असमानता के दंश से खुद को बाहर को निकाल सकें.

बच्चों के बने आइकन

रामशंकर पूरे मुसहर टोले का आज हीरो बन चुका है. रामशंकर की बहन रानी कहती है कि वह भी पढ़ाई कर रही है और अपने भाई की तरह मैट्रिक परीक्षा पास करना चाहती है. 9वीं कक्षा का छात्र पूरन राम कहता है कि रामशंकर की तरह वो भी मैट्रिक की परीक्षा पास करेगा. उसने अपनी सफलता से टोले के बच्चों को नयी दिशा देने का काम किया है. पांचवी-छठी कक्षा में पढ़ रहे बच्चों में उत्‍साह है.

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