लॉकडाउन की इस मार में फिर एक बार खाने पीने की सामान और पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने लगे हैं. हर घर में उपयोग किए जाने वाले सरसों तेल के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. तेल के बढ़े हुए दाम के कारण अधिकांश रसोई घरों से तेल बाहर होता जा रहा है. पांच लीटर तेल का मूल्य जहां पहले ₹440 था वहीं अब इसका मूल्य बढ़कर 800 रुपया हो गया है. इतना ही नहीं पेट्रोल, डीजल की भी दाम आसमान छू रही है. महंगाई की मार झेल रही महिलाओं ने खाद्य पदार्थों में तेल का उपयोग कम कर दिया है.
महंगाई के इस दौर में बिहार के कई बाजारों में खुला सरसों का तेल ₹200 किलो बिक रहा है. जिसके वजह से ग्राहक सिर्फ 100 ग्राम तथा ढाई सौ ग्राम तेल खरीद रहे हैं. रिफाइन के मूल्य में भी बेहतासा वृद्धि हुई है. सरसों के तेल और डीजल, पेट्रोल के दामों में आये उछाल से लोगों में काफी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है. लोगों का मानना है कि व्यापारियों द्वारा जमाखोरी के कारण तेल के मूल्य में वृद्धि हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को पहल कर अविलंब इस जमाखोरी को दूर कर आसमान छू रहे तेल के दाम पर नियंत्रण करना चाहिए.
बिहार में लागू है लॉकडाउन- बता दें कि बिहार में कोरोना महामारी के कारण 5 मई से 15 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के तहत आवश्यक सामानों की आपूर्ति के दुकान केवल 11 बजे तक ही खुले रह सकते हैं. बिहार में बाजार बंद होने की वजह से कई सामानों की कालाबाजारी का मामला भी तेजी से बढ़ रहा है.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra