पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने विशेष सर्वेक्षण का कार्य पूरा होने से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के लिए अर्जित की गयी भूमि का म्यूटेशन कराने के आदेश दिये हैं. ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि विशेष सर्वेक्षण में उस विभाग का नाम रैयत के रूप में दर्ज हो सके, जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है. म्यूटेशन में किसी तरह खामी न रहे इसके लिए बंदोबस्त पदाधिकारी एवं जिला भू -अर्जन पदाधिकारी बैठक करेंगे. अधियाची विभाग का नाम दर्ज होने के साथ ही अर्जित भूमि के मूल्यांकन खतियान तथा अन्य अभिलेख को स्कैन कराकर डिजिटाइजेशन के लिए सुरक्षित रखा जायेगा.
किशनगंज में गलगलिया से बहादुरगंज तक 49 किमी का रोड फोरलेन होना है. यह मार्ग एनएच 327- इ का हिस्सा है. इसके लिए 16 मार्च को ही जमीन अधिग्रहण की मंजूरी मिल गयी थी, लेकिन एनएचएआइ ने राशि का भुगतान नहीं किया. इस कारण भूमि अर्जन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी. बहादुरगंज से अररिया तक फोरलेन के लिए भी भूमि अर्जन की मंजूरी हो गयी है. एसीएस ने एनएचएआइ को मुआवजा के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं.
राम -जानकी मार्ग (एनएच 227 ए) में गोपालगंज में आठ मौजों में जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव परियोजना निदेशक को भेजा गया था , लेकिन अभी तक उसको मंजूरी नहीं मिली है. वहीं जिला भू -अर्जन पदाधिकारी सीवान ने रिपोर्ट दी है कि रैयतों को नोटिस जारी कर दिया गया है.
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आमस से रामनगर (एनएच 119 डी ) इस परियोजना निर्माण में जहानाबाद में चकबंदी से जुड़ा मामला बाधा का कारण बना हुआ है. वहीं, दरभंगा में अलाइमेंट का मामला है. वैशाली में 10 मौजों का दखल -कब्जा दिया जाना बाकी है. बाकी लोगों को 10 जून तक मुआवजा का भुगतान कर दिया जायेगा.