मुजफ्फरपुर में 15 हजार किसानों के खेत के मिट्टी की होगी जांच, जाने आपको क्या होगा फायदा
मुजफ्फरपुर में कृषि विभाग ने 15 हजार स्वायल हेल्थ कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. कृषि विभाग का कहना है कि रासायनिक खाद से बचने के लिए जांच जरूरी. जिले में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कवायद की जा रही है. इसके साथ ही, जिले में खराब हो रही मिट्टी की सेहत को भी साधने की कोशिश की जा रही है.
किसानों को खेतों में रासायनिक खाद के उपयोग से बचना चाहिए. कृषि विभाग की ओर से स्वायल हेल्थ कार्ड कार्ड को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है. आकड़ों के अनुसार जिले में वर्ष 2022-23 में 15,000 स्वायल हेल्थ कार्ड का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इसमें अभी तक 2,985 हेल्थ कार्ड का वितरण हो चुका है. ज्यादा से ज्यादा हेल्थ कार्ड बने. इसके लिए जिला कृषि विभाग की ओर से प्रक्रिया को सरल किया गया है. इसके लिए कलस्टर स्तर पर जांच के लिए वैन की भी व्यवस्था की गयी है. मामले में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि विभागीय स्तर पर इसके लिए एक विशेष टीम काम करती है. बताया कि फसल चक्र के अनुसार खेती करना काफी लाभदायक है.
स्वायल हेल्थ कार्ड की प्रक्रिया
डीएओ शीलाजीत सिंह ने बताया कि कोई भी किसान स्वायल हेल्थ कार्ड बना सकते हैं. इसके लिए कृषि समन्वयक से संपर्क कर खेत की मिट्टी को जांच के लिए प्रयोगशाला में जमा करना होगा. इसकी जांच के बाद उन्हें कार्ड दिया जायेगा. इसके अलावा कलस्टर स्तर पर नमूना संग्रह और जांच के लिए कृषि विभाग की ओर से स्पेशल वैन की भी व्यवस्था है. डिमांड किये जाने पर वैन को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाता है.
स्वायल हेल्थ कार्ड के लाभ
मृदा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह योजना शुरू की गयी थी. इसमें मिट्टी की जांच के बाद खेतों में कितनी मात्रा में उर्वरक देना है. इस बारे में कृषि विभाग की ओर से जानकारी दी जाती है, ताकि बेवजह खेतों में रासायनिक खाद का उपयोग नहीं हो. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. वहीं खाद के उपयोग से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ावा मिलेगा. इसकी मदद से कम कीमत में किसान अधिक पैदावार कर सकते हैं. इसके साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य की भी रक्षा करना संभव हो सकेगा.