जिले में रसोई गैस पर एक दिन में करीब 2.07 करोड़ रुपये लोग खर्च करते है. जिले में प्रतिदिन एवरेज रसोई गैस की खपत करीब 18000 सिलेंडर है. एक महीने में करीब 62.10 करोड़ रुपये लोग सिर्फ सिलेंडर लेने में खर्च कर देते है. वहीं लग्न व पर्व त्योहार के मौसम में अचानक से इसकी खपत डेढ़ से दोगुना तक पहुंच जाती है. उस दौरान प्रतिदिन करीब 3 करोड़ और एक माह में करीब 90 करोड़ रुपये के गैस की खरीदारी शहर के लोग करते है. यह हम नहीं, तीनों ऑयल कंपनियों की ओर गैस आपूर्ति के आंकड़े बता रहे है. जिले में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) तीनों ऑयल कंपनियों को मिलाकर जिले में कुल 94 एजेंसी है, कुल उपभोक्ताओं की संख्या 10,93,739 है. इसमें सबसे अधिक एजेंसी व उपभोक्ता आइओसीएल के है.
उज्ज्वला योजना के आने के बाद बीते कुछ सालों में अचानक से गैस उपभोक्ताओं की संख्या में अधिक हुई है. जिले में गैस कंपनियों का अपना बॉटलिंग प्लांट है. वहीं दूसरी ओर गैस कंपनियों की ओर से घरों में पाइपलाइन से गैस पीएनजी (पाइप नेचुरल गैस) आपूर्ति को लेकर काम जारी है. यह प्रोजेक्ट 2022 में पूरा होना है. लेकिन काम में हो रहे विलंब के कारण यह अभी शुरू नहीं हो सकी है. हाइप्रेसर वाली पाइपलाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन लो प्रेसर वाली पाइपलाइन बिछाने का काम शेष है, जिससे घरों में पाइपलाइन से गैस आपूर्ति होनी है. पाइपलाइन बिछाने में देरी का कारण काम करा रहे एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे नाला निर्माण व पेयजल पाइप लाइन बिछाने में देरी है. शहर में प्रथम चरण में 12 जोन में बांटकर पीएनजी से गैस आपूर्ति होनी है, एक जोन में अधिकतम 10 से 11 मोहल्ले को शामिल किया जाना है.