मुजफ्फरपुर नाव हादसा: 12 में 9 के मिले शव, लापता तीन का पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार…
जिन नौ शवों की बरामदगी पहले हो गयी थी, उन सभी का सोमवार को अंतिम क्रिया कर्म कर दिया गया. लेकिन, जो तीन लोगों का शव नहीं मिला अब उनके शव मिलने की आशा भी परिजनों ने छोड़ दी है.
बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए नाव हादसा में 12 लोगों की डूब गए थे. 12 में 9 लोगों की लाश तो मिल गई, लेकिन तीन लोगों की लाश नहीं मिल पायी. परिजनों ने सोमवार को लापता तीन लोगों के शवों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया. इसके साथ ही परिजनों ने पुलिस-प्रशासन को सूचना देकर मुआवजा की भी मांग की है. बताते चलें कि 14 सितंबर को मुजफ्फरपुर जिला के बेनीबाद ओपी क्षेत्र के मधुरपट्टी भटगांवा घाट पर यह नाव हादसा हुआ था. इसमें 12 लोग डूब गये थे, जिनमें से नौ लोगों के शव बरामद कर लिये गये़ लेकिन रितेश कुमार (16), कामिनी कुमारी (16) और गीता देवी (50) के शव नहीं मिले थे़.
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पुतला बनाकर किया अंतिम संस्कार
कामिनी के पिता राजेश राय ने बताया कि वह नाव हादसा के दिन से ही पांच स्थानों पर नदी किनारे शिविर लगाकर बेटी की खोज करते रहे. लगातार नाव से भी नदी में तलाश जारी रखी. ग्रामीणों के साथ उनके प्रयास से नौ शव बरामद हो गये, लेकिन उनकी बेटी के साथ-साथ तीन शवों की बरामदगी नहीं हो सकी. जिन नौ शवों की बरामदगी पहले हो गयी थी, उनका सोमवार को अंतिम क्रिया कर्म किया गया था. लेकिन, शव नहीं मिलने पर अब हमने शव मिलने की आशा भी छोड़ दी है. इसके बाद ब्राह्मण व महापात्र के निर्णय के अनुसार पुतला बनाकर तीनों लापता लोगों का अंतिम संस्कार कर अंतिम क्रिया कर्म भी कर दिया ताकि दिवंगत आत्मा को शांति मिल सके.
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तीनों लापता लोगों के परिजनों को मिले मुआवजा
मुखिया शोभा देवी, माले नेता जितेन्द्र यादव, पूर्व मुखिया प्रमोद यादव, समाजसेवी राहुल कुमार, बिकाऊ यादव आदि ने प्रशासन से अनुरोध किया कि तीनों लापता लोगों को भी आपदा के तहत मुआवजा दिया जाये. लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी है कि लापता लोगों का शव नहीं मिलने पर तीनों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इस कारण ये तीनों लोग आपदा के तहत मुआवजा पाने के हकदार हैं. सीओ राघवेन्द्र राघवन ने कहा कि वरीय पदाधिकारी को सभी स्थिति से अवगत कराया गया है. वरीय पदाधिकारी के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
नाव हादसा में इनकी हुई है मौत
1.रितेश कुमार(16) दसवीं का छात्र
2.बेबी कुमारी(15) दसवीं की छात्रा
3.सुस्मिता कुमारी (16)दसवीं की छात्रा
4.राधा कुमारी नौवीं(14) की छात्रा
5.कामिनी कुमारी (15)दसवीं की छात्रा
6.मो. वसीम(12) सातवीं का छात्र
7. मो. अजमत (04) मां के साथ राशन लेने जा रहा था
8. मो. शमशुल (40) राशन लेने जा रहा था
9. शाजदा प्रवीण (11) राशन लेने जा रही थी
10. शिवजी चौपाल (60) राशन लेने जा रहा था
11. गीता देवी (55) राशन लेने जा रही थी
(ये सभी मधुरपट्टी गांव के रहने वाले हैं)
12. पिंटू सहनी (20) बचाने में डूबा
(यह भटगामा गांव का रहने वाला था)
दसवीं का फॉर्म भरने जा रहे थे बच्चे
मधुरपट्टी गांव में हाइ स्कूल नहीं होने के कारण यहां के बच्चे बागमती नदी पार करके भटगामा होकर बेलौर यूएचएस स्कूल में पढ़ने जाते हैं. गुरुवार को 10 वीं का फॉर्म भरने के लिए सभी छात्र- छात्राएं घर से 1100- 1100 रुपये लेकर स्कूल के लिए निकले थे.
नाव पर राशन लेने वाले भी थे सवार
नाव हादसा में अधिकांश हाईस्कूल के बच्चे व राशन लेने लेने वाले लोग सवार थे. नाविक हरि किशोर सहनी नाव खींचने के लिए बांधी गयी रस्सी के सहारे नाव को लेकर जा रहे थे. भटगामा घाट पर पहुंचते ही नाव घाट से टकरा गयी और रस्सी टूट गयी. इसके बाद नाव में सवार सभी बच्चे महिलाएं व बुजुर्ग डूबने लगे.
गायघाट प्रखंड के भटगामा घाट पर बागमती नदी में गुरुवार (14 सितंबर) की सुबह 10: 20 बजे एक नाव पलटने पर 32 लोग नदी में डूब गए थे. स्थानीय नाविकों व गोताखोरों की मदद से 20 को बचा लिया गया. लेकिन 12 लोग को नहीं बचाया गया. इसमें आठ स्कूली छात्र- छात्राएं शामिल हैं. नदी के दोनों तरफ नाव खींचने को लेकर बांधी गयी रस्सी के टूटने से यह हादसा हुआ. घटना के बाद मौके पर अफरा- तफरी मच गयी. नदी के दोनों तरफ करीब पांच किमी तक सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गयी. दोपहर करीब एक बजे एसडीआरएफ की टीम नदी में तलाशी शुरू की, लेकिन बहाव तेज होने के कारण शुरू में कुछ नहीं मिला था. डीएम प्रणव कुमार, प्रभारी एसएसपी अरविंद प्रताप सिंह के साथ पूरा जिला प्रशासन व पुलिस की टीम घटनास्थल पर कैंप करते हुए तलाशी की निगरानी कर रहे थे. इसके लिए पटना से एनडीआरएफ के साथ और गोताखोरों को भी बुलाया गया था.