Loading election data...

मुजफ्फरपुर: अप्रैल में फिर होगी जाति गणना, ना रहें कंफ्यूजन में, अभी पूछी जाएगी केवल ये काम की बात

मुजफ्फरपुर में शुरू हुई जाति गणना को लेकर लोग असमंजस में हैं. प्रगणक से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों से पब्लिक तरह-तरह के सवाल पूछ रहे है. इससे कई स्तर पर लोगों में कंफ्यूजन हो रहा है. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने लोगों के कंफ्यूजन को दूर करते हुए कहा है कि उनके पास भी कई तरह की शिकायतें पहुंची है

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2023 12:59 AM

मुजफ्फरपुर में शुरू हुई जाति गणना को लेकर लोग असमंजस में हैं. प्रगणक से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों से पब्लिक तरह-तरह के सवाल पूछ रहे है. इससे कई स्तर पर लोगों में कंफ्यूजन हो रहा है. हालांकि, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने लोगों के कंफ्यूजन को दूर करते हुए कहा है कि उनके पास भी कई तरह की शिकायतें पहुंची है. लोग यह जान ले कि अभी किसी से भी उनकी जाति नहीं पूछी जायेगी. प्रथम फेज में सिर्फ मकानों पर नंबर अंकित करते हुए गणना को लेकर दिये गये भाग एक व भाग दो फॉर्म को भरना है.

भाग एक फॉर्म पर पहचान संबंधी विवरण है. जैसे जिला का नाम, कोड संख्या, प्रखंड/नगर निकाय का नाम व कोड संख्या, पंचायत का नाम व कोड संख्या, वार्ड संख्या व उसका कोड नंबर आदि है. इस फॉर्म को भरने की जिम्मेदारी प्रगणक व सुपरवाइजर की है. भाग-दो फॉर्म है, उसमें भवन संख्या, मकान (फ्लैट) संख्या, जिस उद्देश्य के लिए मकान का उपयोग किया जा रहा है (आवासीय व कमर्शियल), परिवार संख्या, परिवार के मुखिया का नाम (महिला/पुरुष कोई भी), परिवार में कुल सदस्यों की संख्या, परिवार का क्रम संख्या, प्रगणक के दौरे की तिथि के साथ दसवें कॉलम में परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर (महिला या पुरुष कोई भी) करना है. अप्रैल में जाति पूछते हुए डिटेल भरा जायेगा. इससे पूर्व सभी प्रगणक व सुपरवाइजर को फिर से ट्रेनिंग देकर ट्रेंड किया जायेगा.

इस तरह से होगी मकान की गिनती, रेड कलर से नंबरिंग

राज्य सरकार के स्तर पर अभी मकानों की कोई नंबरिंग नहीं की गई है. शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के वोटर आई कार्ड में व नगर निगम के होल्डिंग में अलग नंबर है. पंचायत स्तर पर मकानों की कोई नंबरिंग ही नहीं है. शहरी क्षेत्र में कुछ मोहल्लों में मकानों की नंबरिंग है भी तो वह हाउसिंग सोसायटी की ओर से दी गई है, न कि सरकार की ओर से. अब सरकारी स्तर पर दिया गया नंबर ही सभी मकानों का स्थायी नंबर होगा जो पेन मार्कर या लाल रंग से लिखा जाएगा. पहले चरण में यदि कोई मकान नंबरिंग में छूट जाता है या कोई नया मकान बन जाता है तो उसका नंबर बगल के नंबर के साथ ABCD या 1,2,3…आदि जोड़ कर किया जाएगा. जैसे यदि किसी मकान का नंबर 20 है और उसके बाद खाली जगह है. अगले मकान का नंबर 21 है. मकान नंबर 20 और 21 के बीच खाली जगह पर भविष्य में तीन नए मकान बनते हैं तो इनका नंबर 20A, 20B और 20C या 20/1, 20/2 या 20/3 होगा. मकानों की नंबरिंग, रोड और गली के आधार पर होगी.

Next Article

Exit mobile version