अमीर बनने के लिए दोस्त का ही कर लिया किडनैप, आभूषण व्यवसायी से आरोपी ने मांगे 20 लाख की फिरौती…
परिजन के लाख आरजू मिन्नत करने पर 10 लाख रुपये, फिर पांच लाख रुपये में डील तय किया. परिजन पुलिस को सूचना दिये बगैर साढ़े तीन लाख रुपये एक बैग में रखकर अपहर्ता को देने के लिए चले भी गये.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के करजा थाना क्षेत्र के द्वारिकानाथपुर के रहने वाले आभूषण कारोबारी मनोज कुमार के पुत्र अंशु कुमार (24) का रविवार की रात 20 लाख फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया. अपहरण करने वाले ने मोबाइल से फोन करके रुपये की डिमांड की. परिजन के लाख आरजू मिन्नत करने पर 10 लाख रुपये, फिर पांच लाख रुपये में डील तय किया. परिजन पुलिस को सूचना दिये बगैर साढ़े तीन लाख रुपये एक बैग में रखकर अपहर्ता को देने के लिए चले भी गये. इस बीच पुलिस को भनक लग गयी. पुलिस ने अपहरण होने के तीन घंटे के अंदर में छापेमारी करके अपहृत अंशु को बरामद कर लिया.
जल्द अमीर बनने के लिए दोस्त का किया अपहरण
वहीं, घटना में इस्तेमाल मोबाइल फोन, पीड़ित का स्कूटी भी जब्त किया गया है. गिरफ्तार अपहर्ता करजा का ही रहने वाला राहुल कुमार है.वह साइबर कैफे व चप्पल की फैक्ट्री चलाता है. पुलिस ने इस मामले में दो और युवकों को भी हिरासत में लिया है. उसकी संलिप्तता के बिंदु पर छानबीन की जा रही है. डीएसपी मुख्यालय आशीष आनंद ने बताया कि करजा थाना क्षेत्र के द्वारिकानाथपुर के रहने वाले आभूषण कारोबारी मनोज कुमार व उनका पुत्र अंशु कुमार करजा चौक पर ही आभूषण की दुकान चलाते हैं. अपहर्ता राहुल कुमार से अंशु की पुरानी दोस्ती है. आपस में कई बार पैसे का लेन- देन भी किया था. इस बीच राहुल ने रविवार की रात अंशु को पार्टी करने के बहाने अपने चप्पल फैक्ट्री पर बुलाया. इस दौरान राहुल के दो और दोस्त भी मौजूद थे. सभी आपस में बैठकर खाया पीया.
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टेबलेट खिलाकर किया बेहोश, फिर किया फिरौती के लिए कॉल
करजा थानेदार इंस्पेक्टर राजेश कुमार राकेश ने बताया कि पार्टी करने के दौरान ही बेहोशी का टेबलेट अंशु को खिला दिया. बेहोश होने के बाद राहुल ने मोबाइल फोन से उसके पिता को कॉल करके कहा कि आपके पुत्र का अपहरण कर लिया गया है. 20 लाख रुपये फिरौती दो, नहीं तो हत्या कर दिया जाएगा. परिजन के आरजू- मिन्नत करने पर राहुल ने 10 लाख, फिर पांच लाख रुपये में डील तय कर ली थी. रुपये मांगने की रिकॉर्डिंग भी पुलिस को हासिल हुई है.
पैसा का बैग उठाने पहुंचा कि पुलिस ने दबोच लिया
अंशु के पिता ने किसी तरह से तीन घंटे में साढ़े तीन लाख रुपये की व्यवस्था करके एक बैग में रख लिया. इस बीच लगातार उनके मोबाइल पर राहुल कॉल करके रुपये लाने का दबाव दे रहा था. फिरौती की रकम राहुल ने उसे अपने चप्पल फैक्ट्री के पास एक पोल के नीचे रखने को कहा था. परिजन दहशत के कारण पुलिस को सूचना दिये बगैर बैग लेकर बिजली के पोल के पहुंचा. परिजन बैग रखकर आगे निकल गए. इस बीच राहुल छत से नीचे पैसा लेने के लिए उतरा कि पुलिस की नजर उसपर पड़ गयी. पकड़ाने के बाद वह पुलिस को काफी घुमाया. बोला कि पेशाब करने के लिए छत से नीचे आये हैं. जब पुलिस उसको थाने ले जाकर सख्ती से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा किया. इसके बाद तुरंत पुलिस ने अपहृत अंशु को बरामद करके, उसका स्कूटी, फिरौती की रकम बरामद कर लिया.
दूसरे के छत पर फेंक दिया था मोबाइल, बरामदगी के बाद खुला राज
थानेदार ने यह भी बताया कि राहुल जब पैसा लेने के लिए छत से उतर रहा था तो जिस मोबाइल से रंगदारी मांगी थी उसको दूसरे के छत पर फेंक दिया था. राहुल पहले अपहरण की बात से इनकार करता रहा. उसका कहना था कि हम आपस में दोस्त है. लेकिन, सर्विलांस टीम ने जब मोबाइल का लोकेशन ट्रेस किया तो राहुल का सारा झूठ पकड़ा गया. पुलिस उसके दो दोस्त को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. हालांकि, दोनों का कहना है वे लोग खाना- पीना खाने के चले गये हैं.
अपहर्ता के चंगुल से बरामद अंशु की भी भूमिका की कर रही जांच
डीएसपी मुख्यालय का कहना है कि पुलिस अंशु की भी भूमिका की जांच कर रही है कि वह भी तो कहीं अपने पिता से रुपये वसूलने को लेकर फिरौती की रकम मांगने की साजिश में तो शामिल नहीं रहा है. पुलिस वैज्ञानिक व मैनुअल दोनों आधार पर साक्ष्य इकट्ठा कर रही है.