Muzaffarpur में महामारी का रुप ले सकता है डेंगू, कई मोहल्लों में तीन महीने से जमा है पानी
Muzaffarpur के पूर्वी व पश्चिमी क्षेत्र के कई ऐसे मोहल्ले हैं, जिनमें जल जमाव की समस्या अभी भी बरकरार है. ये पूरे शहर के लिए डेंगू का इपिक सेंटर बन सकता है. हालांकि निगम का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से निचले इलाके में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
Muzaffarpur के पूर्वी व पश्चिमी क्षेत्र के कई ऐसे मोहल्ले हैं, जिनमें जल जमाव की समस्या अभी भी बरकरार है. ये पूरे शहर के लिए डेंगू का इपिक सेंटर बन सकता है. हालांकि निगम का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से निचले इलाके में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. जल जमाव के कारण घर से निकलना मुश्किल बन गया है. इससे काफी परेशानी हो रही है. लेकिन, नगर निगम उन इलाके से पानी निकासी कराने में रुचि नहीं ले रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी वार्ड नंबर 48 के सुमित्रा पथ व नंद विहार कॉलोनी की है. इन दोनों मोहल्ले में जो लोग रहते हैं, वे लोग अपने घर से निकलने के लिए टायर-ट्यूब की नाव पर सवार होकर लोग आते-जाते हैं.
करोड़ों खर्च के बाद भी स्थिति ऐसी
यह स्थिति तब है, जब नगर निगम ने जल निकासी के लिए नाला सफाई व उपकरणों की खरीदारी पर करोड़ों रुपये खर्च किया है. उच्च क्षमता का तीन-तीन पंपिंग सेट खरीदे गये हैं. फिर भी जलजमाव वाले मोहल्लों में इन पंपिंग सेट को नहीं लगाया जा रहा है. इसके अलावा बावनबीघा, बीबीगंज, ब्रह्मपुरा के साथ-साथ बटलर रोड लीची बगान रेलवे कॉलोनी की हालत सबसे खराब है. महीनों से लोगों के घरों के कैंपस में पानी जमा है. बारिश होने के बाद स्थिति और भी खराब हो गयी है.
निगम अधिकारी सुस्त, मॉनीटरिंग का अभाव
शहर की सफाई व्यवस्था भी चरमा गयी है. नगर आयुक्त के नीचे तीन-तीन अधिकारी की तैनाती हैं. लेकिन सफाई, जलजमाव आदि मुद्दे पर जिस तरीके की दिलचस्पी इन अधिकारियों के बीच दिखनी चाहिए, वह नहीं दिख रही है. इससे व्यवस्था दिनों-दिन बदतर होती जा रही है. नगर निगम के कार्यों में में इन दिनों मॉनीटरिंग का अभाव दिख रहा है. कई मोहल्लों में पानी निकासी के लिए मानसून के पहले से इंतजाम किए जा रहे हैं. मगर अभी तक कोई रिजल्ट नहीं मिल सका है. उल्टे इस बार लोगों की परेशानी पिछले वर्ष से ज्यादा बढ़ गयी है.