जिले में अभी तक 3,600 से अधिक डीजल अनुदान के आवेदनों को रद्द किया गया है. जिसमें अलग-अलग तरह की सामान्य त्रुटियां भी सामने आ रही है. जिस वजह से किसानों को योजना के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. आकड़ों के अनुसार डीजल अनुदान के लिए आवेदन करने वाले 1,601 किसान ऐसे है. जिन्होंने सिंचाई के रकवा का ही जिक्र नहीं किया. जिस वजह से आवेदन के रद्द किया गया है. इसके साथ ही 2,048 आवेदनों में डीजल पावती पर पंजीकरण संख्या, हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान नहीं है. वहीं डीजल पावती तिथि गलत होने के कारण 291 आवेदन की छंटनी कर दी गयी है. इसके साथ ही जिले में 952 वैसे आवेदन भी किए गए, जिसमें सिंचाई नहीं किया गया है. कृषि विभाग के पदाधिकारियों की ओर से जांच में यह मामला सामने आया है.
डीजल अनुदान के गाइड लाइन के अनुसार छोटे त्रुटियों की वजह से यदि आवेदन रद्द हुआ है, तो वैसे किसान अनुदान के लिये फिर से आवेदन कर सकते है. इस संदर्भ में जिला कृषि पदाधिकारियों को भी गाइड लाइन जारी किया गया है. जिसके तहत दोबारा हुए आवेदनों की जांच करना है. वहीं सामान्य त्रुटियों में सुधार कर संबंधित किसानों को इसका लाभ उपलब्ध कराना है.
खरीफ फसल को सूखा से बचाने के लिए जहां डीजल अनुदान की राशि किसानों को प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध कराने की सख्त हिदायत दी है. वहीं जिले में 10 हजार आवेदन स्वीकृति के बाद भी भुगतान के लिए लंबित है. किसान राशि के लिए भटक रहे है. डीजल अनुदान वितरण को लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट में हुई समीक्षा बैठक में डीएम प्रणव कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द भुगतान करने का निर्देश दिया है.उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई होगी.
औसत वर्षा पूरे जिले में सामान्य से 48 फीसदी कम है. इसके मद्देनजर कृषि समन्वयक को किसानों से समन्वय स्थापित कर कृषि के सभी पहलू में किसानों को सहयोग करने के लिए कहा गया. पंचायतों में कृषि रोपनी, कृषि फीडर में विद्युत आपूर्ति की स्थिति, राजकीय नलकूप, डीजल अनुदान, आकस्मिक फसल , सिंचाई की व्यवस्था आदि बिन्दु पर विस्तृत समीक्षा की गयी. डीएम कृषि समन्वयक को अधिक से अधिक किसानों को डीजल पम्प सेट से खेती करने में डीजल अनुदान प्राप्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे. जिले में डीजल अनुदान में अभी भी लगभग 10 हजार आवेदन स्वीकृति के बाद भुगतान हेतु लंबित है. जिसे शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया. समन्वयक के सहयोग से किसानों को कृषि फीडर से विद्युत कनेक्शन कराना सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा गया. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी,डीपीआरओ दिनेश कुमार समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
वैसे किसान, जो दूसरे के जमीन पर खेती करते है, उन्हें भी डीजल अनुदान का लाभ मिलेगा. इसके लिए गैर रैयती किसान को निर्धारित प्रपत्र में संबंधित वार्ड सदस्य एवं संबंधित कृषि समन्वयक के द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित कागजात अपलोड करना होगा. डीजल प्राप्त करने का वाउचर अपलोड करने के पूर्व डीजल की मात्रा पेट्रोल पंप का नाम एवं प्रखंड तथा वाउचर क्रम संख्या व तिथि अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन में एंट्री करनी है. बता दें कि जिले में काफी संख्या में छोटे किसान रैयत (बड़े किसान )से अनाज या पैसा पर जमीन लेते है. खास तौर पर जिले के उत्तरी पूर्वी इलाके में किसान बंटाई व पट्टा पर खेती कराते है.