मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत जिले के 44 महिला उद्यमियों को को प्रथम किश्त के रूप में चार-चार लाख रुपये यानी 1.76 करोड़ रुपये के ऋण की राशि उपलब्ध करायी गयी. कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डीएम प्रणव कुमार ने राशि से संबंधित चेक सौंपा.
मौके पर डीएम ने कहा कि राज्य में महिलाओं में उद्यमिता-स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना की शुरुआत की गयी है. स्वरोजगार कर अपने पैर पर खड़ा होने की ललक निश्चित ही महिला सशक्तिकरण को बल प्रदान करेगा. उन्होंने सभी 44 महिला उद्यमियों से कहा कि आज यह यह पता चलता है कि महिलाएं घर परिवार की जिम्मेदारियां संभालने के साथ उद्यमी बनने के लिए भी जागरूक हैं. डीएम ने आगे कहा कि महिलाएं एक सफल उद्यमी बनकर न केवल खुद को आत्मनिर्भर होंगी, बल्कि अन्य दूसरे बेरोजगार व्यक्तियों को भी रोजगार देने का काम करेंगी.
वहीं, उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि रोजगार पाना और रोजगार सृजन करना दोनों में बहुत अंतर है. रोजगार सृजन कर अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करना बहुत बड़ी बात मानी जायेगी. उद्योग विभाग के जीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उक्त योजना के तहत युवा उद्यमी महिला उद्यमियों को दस लाख रुपये तक का ऋण प्रदान दिया है. इसमें अधिकतम पांच लाख रुपये का अनुदान है. मौके पर मुख्य रूप से अपर समाहर्ता राजस्व संजीव कुमार, डीआरडीए निदेशक चंदन चौहान, एलडीएम, डीपीआरओ कमल सिंह, वरीय उप समाहर्ता अभिषेक कुमार एवं प्रीति सिंह, उद्योग विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे.
बिहार की वह महिलाएं जो खुद से कुछ करना चाहती है और उद्योग के क्षेत्र में अपना स्वयं का रोजगार खोलना चाहती है. ऐसी महिलाओं के लिए सरकार ने महिला उद्यमी योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत महिलाओं को भी 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. योजना के तहत महिलाओं को 50% यानी कि 5 लाख रुपये का लोन बिना ब्याज के और 5 लाख रुपये अनुदान के तौर पर दिए जाते हैं. जिसमे महिलाओं को केवल 5 लाख रुपये ही सराकर को वापस लौटने होंगे. सरकार द्वारा दिए गए लोन राशि को 84 किस्तों में लौटना होता है. योजना का लाभ उठाने के लिए महिला की आयु 18 से 50 साल के बीच होनी चाहिए.