मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में तीन इथेनॉल संयंत्र आकार ले रहे हैं. इन तीनों संयंत्रों की संयुक्त उत्पादन क्षमता 320 केएलपीडी ( किलो लीटर पर डे ) होगी. यह संयंत्र अप्रैल 2023 में शुरू हो जायेंगे. यह जानकारी उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर दी है. उन्होंने बताया कि इन संयंत्रों से वे हर साल लगभग 10 करोड़ लीटर इथेनॉल संभव हो सकेगा. संदीप पौंड्रिक ने कहा कि बिहार अब पूर्वी भारत का इथेनॉल हब बनने जा रहा है. इस दिशा में बिहार मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
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यहां लग रही हैं इथेनॉल इकाइयां
उल्लेखनीय है कि इथेनॉल इकाइयां मुजफ्फरपुर, भोजपुर, नांलदा, पूर्णिया, बक्सर, बेगूसराय, मधुबनी, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण और भागलपुर में स्थापित की जा रही हैं. जानकारी के मुताबिक पूर्णिया में शुरू हो चुकी इथेनॉल फैक्टरी को देश का पहला ग्रीन फील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट बताया गया है. बिहार में 35 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल का कोटा तय किया गया है.
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सर्जिकल दस्तानों के निर्माण के लिए संयंत्र प्रारंभ
विभाग की तरफ से जारी एक अन्य जानकारी के मुताबिक बिहार के फतुहा औद्योगिक क्षेत्र में नाइट्राइल सर्जिकल दस्तानों के निर्माण के लिए एक नया संयंत्र प्रारंभ हो गया है. यहां के उत्पाद विश्व स्तरीय तकनीक पर आधारित हैं. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना 2022-23 में बियाडा में टेक्सटाइल और लैदर से जुड़े लाभुकों के शेड मार्च 2023 तक तैयार हो जायेंगे. इनके लिए शेड 31 जनवरी तक अलॉट हो जायेंगे. एक विशेष कैटेगरी के लिए जीएसटी और करेंट अकाउंट की अंतिम तिथि 28 फरवरी तय की गयी है.