बड़ी खुशखबरी! मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन और मुजफ्फरपुर बाइपास काम मार्च तक होगा पूरा, मिलेगी बड़ी राहत
बिहार में उत्तर बिहार की महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में शामिल हाजीपुर-मुजफ्फरपुर फोरलेन और मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा करने की समयसीमा है. फिलहाल इस सड़क का करीब 90 फीसदी काम पूरा हो गया है.
बिहार में उत्तर बिहार की महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में शामिल हाजीपुर-मुजफ्फरपुर फोरलेन और मुजफ्फरपुर बाइपास का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा करने की समयसीमा है. फिलहाल इस सड़क का करीब 90 फीसदी काम पूरा हो गया है. केवल वैशाली जिले में गोरौल गांव के पास एक मजार के कारण करीब 12 किमी का फाेरलेन निर्माण बाधित है. इस हाजीपुर-मुजफ्फरपुर फोरलेन पूरी सड़क का करीब 63.17 किमी लंबाई में निर्माण की अनुमानित लागत करीब 671 करोड़ रुपए है. इस पर 2010 में काम शुरू हुआ, लेकिन जमीन अधिग्रहण सहित अन्य बाधाओं के कारण 2013 से 2020 तक करीब सात वर्षों तक काम बंद रहा.
सूत्रों के अनुसार पथ निर्माण विभाग की पहल के बाद 27 जून 2020 से प्रोजेक्ट पर नए सिरे से काम शुरू हुआ. करीब 59 किमी लंबाई में सड़क का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से करीब 17 किमी लंबाई में हाजीपुर बाइपास का निर्माण होना है. इसमें से करीब छह किमी लंबाई में बाइपास का 2014 में ही हो चुका है. इसमें एनएच-102 पर फ्लाईओवर, दाे बड़े पुल और एक रेल ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है. इसके बाद बाइपास के निर्माण की समस्या हल हो जायेगी.
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यह होगा फायदा
इस सड़क और बाइपास के बनने से मुजफ्फरपुर शहर में ट्रैफिक का दबाव घटेगा. साथ ही नेपाल आना-जाना भी आसान हो जायेगा. बाइपास बन जाने से पटना से नेपाल, पूर्णिया सहित गोपालगंज होकर उत्तर प्रदेश जाने-आने वालों को सुविधा होगी. वहीं सीतामढ़ी से सोनबरसा जाने की कनेक्टिविटी विकसित हो जायेगी. राजधानी पटना व मुजफ्फरपुर को ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के फोरलेन की कनेक्टिविटी मिल सकेगी. मझौली से नेपाल को जोड़ने वाली सड़क एनएच-527 सी से भी आने वाले वाहन के लिए पटना आना-जाना आसान हो जायेगा.