पटना. राज्य सरकार द्वारा होमी भाभा कैंसर संस्थान एवं रिसर्च सेंटर, मुजफ्फरपुर को 100 करोड़ का अनुदान दिया गया है. अब इस राशि से संस्थान के विकास को गति मिलेगी. इस संस्थान को अलग से 30 एकड़ का भूखंड मिला है. वहां पर जांच से लेकर इलाज तक की पूरी व्यवस्था की जायेगी. अभी तक यह संस्थान प्री फैब्रिकेटेड संचरना में संचालित किया जा रहा है. अब इसका पक्का भवन बनेगा.
जमीन की समस्या का हो चुका है समाधान
होमी भाभा कैंसर रिसर्च के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डा (मेजर) केएन सहाय ने बताया कि सरकार द्वारा संस्थान को जमीन आवंटित करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गयी है. अब सरकार द्वारा स्वीकृत गयी राशि से 250 बेड का अस्पताल भवन का निर्माण किया जायेगा. फिलहाल 100 बेड ही यहां उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि कैंसर इलाज के लिए अलग-अलग विंग का निर्माण किया जायेगा. इसमें मेडिकल अंकोलॉजी, सर्जिकल अंकोलॉजी, गाइनी अंकोलॉजी से साथ हेड एंड नेक सर्जिकल अंकोलॉजी विभागों को विकसित किया जायेगा. संस्थान में मरीजों के इलाज के लिए ऑपरेशन थियेटरों की संख्या भी बढ़ेगी जिससे हर प्रकार के मरीजों की सर्जरी की जा सके.
रेडिएशन का जोखिम नहीं होगा
उन्होंने बताया कि रेडियोथिरेपी के लिए चार बंकर बनाये जायेंगे. बंकरो में ही अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना की जायेगी. इससे किसी प्रकार का रेडिएशन का जोखिम नहीं होगा. उन्होंने बताया कि कोबाल्ट मशीन से कैंसर रोग के इलाज का समय चला गया है. इसके लिए प्रोटोन और हाइड्रोजन जैसी मशीनों को स्थापित किया जाना है. इससे मरीजों की सेकाई की जायेगी. इस मशीन से सेकाइ से कैंसर प्रभावित क्षेत्र के अलावा दूसरा टीश्यू प्रभावित नहीं होगा. साथ ही संस्थान के जीनोम लैब को और आधुनिक बनाया जायेगा. इससे कैंसर के सेल का नेचर पता किया जायेगा. संस्थान में चिकित्सकों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होगी. अभी यहां पर स्टाफ क्वाटर और हॉस्टल का भी निर्माण कराया जाना है.
2 साल 10 महीने से बिना बिल्डिंग के प्रीफैबरीकेटेड स्ट्रक्चर्स में चल रहा कैंसर अस्पताल
भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा मुजफ्फरपुर में पिछले 2 साल 10 महीने से बिना बिल्डिंग के प्रीफैबरीकेटेड स्ट्रक्चर्स में कैंसर अस्पताल चल रहा है. एसकेएमसीएच मेडिकल कॉलेज परिसर में यह अस्पताल बिना बिल्डिंग के सिर्फ टेंट के स्ट्रक्चर में अब तक 82 हजार मरीजों का इलाज कर चुका है. साथ ही 22 हजार लोगों ने कीमोथेरेपी भी कराई है. इससे कहीं आगे बढ़कर मुजफ्फरपुर के इस अस्पताल ने अब तक 4 हजार कैंसर मरीजों का मेजर और माइनर ऑपरेशन भी कर दिया है. इसके साथ मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने बिना बिल्डिंग के बिहार के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में अपना नाम शुमार कर लिया है.
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कैंसर का जिनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा है उपलब्ध
मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल में कैंसर जिनोम सीक्वेंसिंग के साथ-साथ कई बड़ी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो बिहार के किसी अन्य अस्पताल में नहीं है. मुजफ्फरपुर होमी भाभा कैंसर अस्पताल के ऑफिसर इंचार्ज डॉ. रविकांत ने बताया कि बिना भवन के हमने बहुत अच्छा परफॉर्मेंस देने का प्रयास किया है. वह बताते हैं कि मुजफ्फरपुर का होमी भाभा कैंसर अस्पताल कैंसर के मरीजों की जरूरत और उनकी गंभीरता को समझता है.
परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित होता है अस्पताल
यह अस्पताल भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा चलाया जा रहा है. डॉ.रविकांत ने बताया कि जिन मरीजों के पास इलाज कराने के लिए पैसों की कमी है, उनके लिए भी इस अस्पताल में बेहतर विकल्प है. मुजफ्फरपुर का होमी भाभा कैंसर अस्पताल अपने मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए एक स्पेशल काउंटर भी चलाता है.
मरीजों को वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी उपलब्ध कराने का है प्रयास
अस्पताल के अधिकारी बताते हैं कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल मुजफ्फरपुर की आगामी कई योजनाएं हैं. इस अस्पताल का प्रयास है कि कैंसर के मरीजों में अधिक से अधिक कमी आए और जो कैंसर से पीड़ित है उन्हें वर्ल्ड क्लास सुविधा मुजफ्फरपुर में ही मिल पाए. अच्छा परफॉर्म करने के लिए हमें अच्छी बिल्डिंग नहीं बल्कि तत्परता और लगन की जरूरत थी, जो हमारे भीतर है. प्रीफैबरीकेटेड स्ट्रक्चर में ही हम कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वाले अस्पतालों को टक्कर दे रहे हैं.