मुजफ्फरपुर के कच्ची-पक्की से अतरदह रोड से आवागमन कर रहे है, तो सावधान रहने की जरूरत है. यहां जरा सी लापरवाही जोखिम भरा हो सकता है. निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के कारण जान जोखिम के साथ दमघोंटू धूल की वजह से स्थानीय लोग बीमार होने लगे है. इस रोड के एक किनारे से बुडकों की ओर से मास्टर ड्रेन का निर्माण कार्य चल रहा है. यहां निर्माण की शर्तों में जो मानक है, उसकी खिल्ली उड़ायी जा रही है. सड़क से सटे खतरनाक गड्ढा का साइज ऐसा है कि पूरी की पूरी बस घुस जाये. बैरिकेडिंग तो दूर एक रस्सी से भी घेराबंदी नहीं की गयी है. हाल ही में एक मोटरसाइकिल सवार व एक सवारी बैट्री गाड़ी पलट चुकी है.
धूल से घूट रहा लोगों का दम
काफी विलंब से चल रही इस प्रोजेक्ट से लोग भी थक चुके है. पिछले एक महीने से निर्माण की वजह से पूरा आवागमन प्रभावित है. सबसे अधिक धूल की वजह से लोगों का दमघूट रहा है. स्थानीय स्तर पर कई दुकानदार इस वजह से सांस की तकलीफ से बीमार हुये है. मनमानी ऐसी की एक समय भी सड़कों पर पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. घूल का सबसे बूरा प्रभाव छोटे बच्चों और बूढ़ों पर पड़ रहा है. इसके कारण उन्हें सांस की परेशानी हो रही है.
Also Read: औरंगाबाद-वाराणसी सिक्सलेन का काम 11 साल से अटका, 1250 करोड़ बढ़ गयी लागत, अब इस वर्ष तक होगा तैयार
निर्माण से महज 700 मीटर की दूरी पर नाले में हो चुकी है मौत
अरतदह रोड से सटे आरडीएस चौक पास डेढ़ वर्ष पहले खुले नाले में गिर कर बच्ची की मौत हो गयी थी. निर्माण स्थल के गड्ढा से महज 700 मीटर की दूरी पर यह घटना हुई थी. उसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है. शहर का प्रवेश द्वार होने के कारण सुबह से रात तक छोटे-बड़े वाहनों के साथ पैदल और साइकिल से चलने वाले राहगीरों की खूब भीड़ होती है.
https://www.youtube.com/watch?v=z5clxXOzoxU