ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव बाला मुरुगन डी मुजफ्फपुर पहुंचे. उन्होंने बेला औद्योगिक क्षेत्र में स्थित बैग क्लस्टर यूनिट का भ्रमण किया. उन्होंने जीविका से जुड़ी महिला उद्यमियों के साथ संवाद किया. कहा, बियाडा में बने लेदर क्लस्टर यूनिट की जीविका दीदी अब खुद मालिक बनेंगी. इसके लिए उनको ग्रामीण विकास विभाग, उद्योग विभाग का पूरा सहयोग मिलेगा. यूनिट संचालन के लिए 40 जीविका दीदियों का चयन किया गया है. ये 40 जीविका दीदियां अपने साथ पहले चरण में 40 की टोली 300-500 को रोजगार देंगी. उसके बाद यह दायरा बढ़कर हजार का आंकड़ा पार करेगा. इसके लिए बेला औद्योगिक परिसर में ग्रामीण विकास विभाग एवं उद्योग विभाग के तत्वाधान में बैग क्लस्टर यूनिट का विस्तार किया जा रहा है.
प्रधान सचिव ने कहा कि हाई स्प्रीट कॉमर्शियल वेंचर प्राइवेट लिमेटेड की ओर से संचालित बैग निर्माण यूनिट के साथ एक सप्ताह के अंदर करार हो जायेगा. 40 जीविका दीदी जो लीडर की भूमिका में रहेंगी, उनको दस लाख का कर्ज मुख्यमंत्री महिला उद्यमी येाजना से दिलाया जायेगा. हाई स्प्रीट काॅमर्शियल वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के सह संस्थापक सिद्धार्थ मिश्रा, प्रोडक्शन प्रबंधक मनीष मिश्रा, मानव बल प्रभारी आयुषी राज, जगमोहन चौधरी और शाहनवाज शामिल रहे. सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा कि दो हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है. उप विकास आयुक्त श्री आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि जीविका दीदी अपनी मेहनत की ताकत से एक बडा रोजगार नेटवर्क बना सकती है. कंपनी की ओर से कच्चा माल से लेकर मशीन तक उपलब्ध कराया जाएगा. बैग तैयार होने के बाद उसको बेचने का भी झंझट नहीं होगा, इसलिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है.
प्रधान सचिव ने कहा कि उद्योग विभाग से जो 10 लाख का ऋण ऋण मिलेगा, उसमें पांच लाख सब्सिडी एवं पांच लाख ब्याज मुक्त ऋण से बैग उत्पादन का व्यवसाय जीविका दीदी करेंगी. उत्पादन से पहले इससे संबंधित सभी प्रशिक्षण दिये जायेंगे तथा बैग उत्पादन से संबंधित सभी सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. बने हुए बैगों का मार्केट लिंकेज भी कराया जायेगा. इन सभी गतिविधियों में प्रत्येक स्तर पर हाई स्प्रीट कंपनी पूर्ण सहयोग देगी. यहां 110 मशीन लगी हुई है. फिलहाल 200 लोगों को रोजगार मिला है. आने वाले दिनों में 96 यूनिट लगेगी. हर यूनिट में 40 सिलाई मशीन लगायी जायेगी.