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मुजफ्फरपुर अपहरणकांड: नवरुणा के बाद अब खुशी का मामला भी CBI को, पटना हाईकोर्ट ने सौंपा जांच का जिम्मा

पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर जिला के अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के चर्चित अपहरण के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए एसएसपी मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2022 7:07 PM

पटना. पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर जिला के अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के चर्चित अपहरण के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने सीबीआई को यथाशीघ्र कार्रवाई कर बालिका को ढूंढने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को इस मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपने को कहा है. साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. नवरुणा अपहरण मामले के बाद मुजफ्फरपुर का यह दूसरा मामला है, जो सीबीआई को सौंपा गया है. वैसे नवरुणा मामले में सीबीआई को अब तक कोई सूराग नहीं मिला है.

सीबीआई को पार्टी बनाने का निर्देश

पिछली सुनवाई के दौरान अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी मुजफ्फरपुर के द्वारा आजतक सिर्फ कागजी कार्रवाई की गयी है. उन्होंने बताया कि लगभग 3 माह से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया गया. इस सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे. सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और नयी दिल्ली के सीएफएसएल निदेशक को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था.

कोर्ट ने माना बिहार पुलिस से जांच संभव नहीं

अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है. जिसमें संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है. वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है. इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि वह ऑडियो क्लिप एसएसपी को दिया जाये. जिसके बाद एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें. लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाईकोर्ट में फाइल हुआ है. उसमें ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नहीं है. कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब मुजफ्फरपुर के एसएसपी द्वारा नहीं हो सकता है.

क्या है मामला

यह मामला 16 फरवरी, 2021 का है. 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है. खुशी का सुराग आज तक नहीं मिला है. खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थे. इसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. इसमें याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था.

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