मुजफ्फरपुर: जूरन छपरा स्थित आइ हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के बाद आंख गंवाने वाले दो लोगों की मुआवजे की राशि एसीएमओ के रिपोर्ट नहीं देने के कारण एक माह से अटकी पड़ी है. दोनों आंख गंवाने वाले व्यक्ति समस्तीपुर जिला के रहने वाले बताये गये हैं. समस्तीपुर के सिविल सर्जन ने रिपोर्ट भेजने के लिए तीन बार सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा से पत्राचार सिविल किया है. तीसरी बार पत्राचार करने के बाद सीएस ने एसीएमओ को जांच टीम गठित कर तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.
सीएस ने कहा कि आंखों की जांच के बाद ही पता चलेगा कि आंख खराब हुई है या नहीं. इसके बाद मुआवजे के लिए भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर के सिविल सर्जन ने इन दोनों मरीजों के लिए पत्र लिखा है. इसके बाद जांच टीम गठित कर जांच के निर्देश दिये गये हैं. यह दोनों लोग समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं. इनमें से एक को मुआवजे का चेक भी दिया गया. लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं देने पर अंचल अधिकारी ने इनके चेक पर रोक लगा दी. समस्तीपुर जितवारपुर के रहने वाले मो सगीर अहमद और देवडा पंचायत हसनपुर के गीता देवी ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. जब तक आंख की जांच रिपोर्ट टीम की तरफ से नहीं आती है, मुआवजे की राशि कैसे मिलेगी.
आंख गंवाने वाले मो सगीर के परिजनों ने कहा कि 22 नवंबर 2021 को आइ हॉस्पिटल में आंख का ऑपरेशन किया गया था. दो दिन बाद आंख में तकलीफ होने लगी. इसके बाद उन्हें एसकेएमसीएच रेफर किया गया. वहां दो दिन रुकने के बाद आइजीआइएमएस रेफर कर दिया गया, जहां उनकी आंख को निकाल दी गयी. इसके बाद जिन 19 लोगों को मुआवजे के तौर पर एक लाख रुपये की चेक की राशि दी गयी. जब चेक संख्या 127 को मो सगीर के खाते में जमा किया गया तो बैंक की ओर से बताया गया कि इस पर अंचल अधिकारी ने रोक लगा दी है. रिपोर्ट आने के बाद ही चेक निर्गत किया जायेगा.