Muzaffarpur में सीढ़ी घाट पर चाची के दाह संस्कार में शामिल होने गया मोहन सहनी बुधवार को बूढ़ी गंडक नदी में डूब गया. उसके डूबने की सूचना परिजनों ने सिकंदरपुर ओपी को दी. लेकिन ओपी पुलिस तीन घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची. इससे आक्रोशित होकर परिजन और मोहल्ले के लोग सड़क पर उतर आये. देर शाम अखाड़ाघाट रोड के कृष्णा सिनेमा के पास सड़क पर टायर जला कर आगजनी की. सड़क जाम कर हंगामा किया. थोड़ी ही देर में जाम से अखाड़ाघाट पुल तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी. ऑफिस से घर लौटने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा. आक्रोशित लोग बार बार ओपी पुलिस पर लापरवाही बरतने को लेकर आरोप लगा रहे थे.
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परिजनों ने आरोप लगाया कि सिकंदरपुर पुलिस को करीब दोपहर 3 बजे घटना की सूचना दी गयी थी. पुलिस 10 मिनट में आने की बात कहकर कॉल काट दिया. इसके बाद भी कई बार सूचना दी गयी. लेकिन, पुलिस नहीं आयी. इसपर वे लोग हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा की सूचना मिलते ही सिकंदरपुर ओपी व नगर पुलिस मौके पर पहुंची. हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराने की कोशिश की . लेकिन, लोग मानने को तैयार नहीं हुए. हालांकि, काफी समझाने के बाद लोग शांत हुए. फिर, एसडीआरएफ की टीम को बुलाकर नदी से शव निकलने की कवायद शुरू की गयी. लेकिन, देर रात तक शव नहीं मिल सका है.
मृतक के परिजनों ने बताया की मोहन की चाची जलसे देवी की मौत हो गयी थी. दाह संस्कार में वह गया था. इसके बाद वह नहाने के लिए नदी में गया था. नहाने के दौरान वह गहरे पानी में चला गया. जबतक लोग समझते वह डूबकर गहरे पानी में चला गया. इसमें उसकी मौत हो गई. उसके 3 बच्चे है. दो बेटा और एक बेटी है. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है.