मुजफ्फरपुर में आधे से ज्यादा मनरेगा मजदूर जॉब कार्ड होंगे रद्द, जानें सरकार क्या बता रही है कारण

मुजफ्फरपुर में 4 लाख मरेगा मजदूर के जॉब कार्ड रद्द हो सकता है. इसकी जांच और आधार सीडिंग का काम चल रहा है. ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा में बड़े पैमाने पर फर्जी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाए जाने की सूचना के बाद सभी जिलों में मजदूरों के वेरिफिकेशन के साथ उनके जॉब कार्ड में आधार सीडिंग का आदेश दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2023 12:29 AM

मुजफ्फरपुर में 4 लाख मरेगा मजदूर के जॉब कार्ड रद्द हो सकता है. इसकी जांच और आधार सीडिंग का काम चल रहा है. ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा में बड़े पैमाने पर फर्जी मजदूरों का जॉब कार्ड बनाए जाने की सूचना के बाद सभी जिलों में मजदूरों के वेरिफिकेशन के साथ उनके जॉब कार्ड में आधार सीडिंग कराने का आदेश दिया है. इसी क्रम में जिले में जांच चल रही है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब 8 लाख जॉब कार्ड है. इसमें 3.5 लाख कार्ड एक्टिव है. यानी इतने मजदूर ही नरेगा योजना में काम मांग रहे है. बाकी कार्ड बना दूसरे प्रदेश चले जाते है या सिर्फ पहचान पत्र के तौर पर उपयोग करते है.

कार्ड धारक को 100 दिनों को मिलता है रोजगार

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत किये जाने वाले कार्यों पर मजदूरी रेट तय किये गए है. ये मजदूरी राज्य और संघ राज्य के अनुसार अलग – अलग निर्धारित किये गए है. लेकिन अधिकांश जॉब कार्ड धारकों को इसके बारे में नहीं मालूम होता. सूबे में मनरेगा मजदूरों को 210 रुपये मिलते है. नरेगा जॉब कार्ड धारकों को प्रतिवर्ष 100 दिनों की रोजगार मिलता है.इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग अकुशल कार्य करने के इच्छुक परिवारों को जॉब कार्ड जारी करती है. इस कार्ड में किये कार्य एवं हाजिरी की जानकारी दर्ज किया जाता है.

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कोरोना संक्रमण के बाद बढ़ी कार्ड बनाने वालों की संख्या

कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के बाद मुजफ्फरपुर सहित पूरे राज्य में जॉब कार्ड बनवाने वालों की संख्या काफी बढ़ी है. हालांकि, बाद मे स्थिति सामान्य होने के बाद ज्यादातर मजदूर वापस अपने काम पर लौट गए हैं.

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